CBSE foreign languages : जर्मन, मंदारिन, जापानी, फ्रेंच जैसी विदेशी भाषाएं…

0
CBSE foreign languages : जर्मन, मंदारिन, जापानी, फ्रेंच जैसी विदेशी भाषाएं…
CBSE foreign languages : जर्मन, मंदारिन, जापानी, फ्रेंच जैसी विदेशी भाषाएं सिखाएगा CBSE, जानें क्या है प्लान

जानें क्या है प्लान.Image Credit source: pexels

अब CBSE स्कूलों में बच्चे सिर्फ अंग्रेजी ही नहीं, बल्कि कोरियन, स्पैनिश, जर्मन, मंदारिन, जापानी और फ्रेंच जैसी विदेशी भाषाएं भी सीख सकेंगे. 6वीं से 12वीं तक इन भाषाओं को स्किल मॉड्यूल के रूप में पढ़ाने की योजना है. इसमें न केवल बोलना और समझना, बल्कि दूसरे देशों की संस्कृति और रीति-रिवाज को भी जानने का मौका मिलेगा.

CBSE के मुताबिक, इसके पढ़ाई का तरीका भी खास होगा. शुरुआत में इसे कुछ चुनिंदा स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जाएगा, जिसमें विदेशी सांस्कृतिक संस्थानों का सहयोग लिया जाएगा.

कैसा होगा कोर्स

CBSE ने इसके लिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया है. इसमें मॉड्यूलर स्ट्रक्चर होगा यानी 30-30 घंटे के यूनिट में पढ़ाई होगी. 6वीं से 8वीं तक बच्चों को शुरुआती स्तर पर भाषा सिखाई जाएगी और 9वीं से 12वीं तक प्रोफिशियंसी से पढ़ाई होगी. पढ़ाने का तरीका कम्युनिकेटिव लैंग्वेज टीचिंग पर बेस्ड होगा, जिसमें डिजिटल टूल्स और परफॉर्मेंस बेस्ड असेसमेंट भी शामिल रहेंगे.

मिलेगा डबल सर्टिफिकेशन

जो छात्र यह कोर्स पूरा करेंगे, उन्हें CBSE का स्किल क्रेडिट सर्टिफिकेट और इंटरनेशनल प्रोफिशियंसी सर्टिफिकेट दोनों मिलेंगे.पहले कुछ चुनिंदा स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह शुरू किया जाएगा. इसमें विदेशी भाषा के कंटेंट डेवलपमेंट और टीचर ट्रेनिंग के लिए अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्रों का सहयोग लिया जाएगा.

इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स से करेगा मेल

छात्रों को भाषा दो स्तरों पर सिखाई जाएगी. बेसिक (जैसे HSK 1, JLPT N5) और इंटरमीडिएट (जैसे HSK 2, JLPT N4). इसमें लिसनिंग और स्पीकिंग स्किल पर ज्यादा फोकस होगा, साथ ही पढ़ने और लिखने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी. वहीं CBSE चेयरमैन ने स्कूलों से राय मांगी है कि क्या मौजूदा तीन-भाषा फार्मूले में विदेशी भाषा को स्किल के रूप में जोड़ना अच्छा होगा और क्या यह वाकई बच्चों के लिए फायदेमंद होगा. उन्होंने साफ किया कि किसी भी नए कोर्स को तभी लाया जाए जब वह नौकरी बाजार में उपयोगी साबित हो.

पहले भी आ चुका है प्रस्ताव

नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग के मुताबिक, लगभग दो साल पहले भी एक ऐसा ही प्रस्ताव EFLU ने दिया था, जिसमें विदेशी भाषाओं को स्किल लेवल 1 पर सिखाने की बात थी. कंटेंट 900 से 1200 घंटे का था और इसे मंजूरी भी मिल गई थी, लेकिन इसकी कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अमेरिका से वापस लौट रहे भारतीय… क्यों सता रहा निर्वासन का डर? जानें असली वजह – भारत संपर्क| Aamir Khan Announcement: आपने फिल्म बनाई है और रिलीज नहीं हो पा रही? आमिर खान कर… – भारत संपर्क| GEN-Z गर्ल्स के लिए बेस्ट हैं ‘लापाता लेडीज की फूल’ नितांशी गोयल के ये स्टाइलिश…| How to Become Dog Trainer: डॉग ट्रेनर बनने के लिए कहां से मिलती है डिग्री! करियर…| पापा-मम्मी मैं फेल हो गई हूं, इसलिए जान दे रही… छात्रा ने भेजा वीडियो और … – भारत संपर्क