कोयला खदानों में 20 से थम जाएंगे ट्रकों के पहिए, कोल परिवहन…- भारत संपर्क

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कोयला खदानों में 20 से थम जाएंगे ट्रकों के पहिए, कोल परिवहन भाड़ा वृद्धि की मांग नहीं हुई पूरी

कोरबा। कोल परिवहन भाड़ा वृद्धि की मांग कर रहे ट्रांसपोर्टरों को डीओ होल्डर्स और कोल लिफ्टर्स का समर्थन नहीं मिला। भाड़ा वृद्धि के संबंध में चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक बेनतीजा रही। इसे देखते हुए ट्रक ट्रेलर मालिक सेवा समिति ने फिर 20 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया है। कोयला परिवहन भाड़ा में 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की मांग को लेकर कोल ट्रांसपोर्टरों ने आवाज बुलंद किया है। पिछले दिनों ट्रक-ट्रेलर मालिक सेवा समिति के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू किया गया था। जिसके तहत मानिकपुर और कुसमुंडा खदान में ट्रांसपोर्टरों ने अपने गाड़ियों का परिचालन रोक दिया था।
आंदोलन को कुसमुंडा, मानिकपुर, गेवरा और दीपका क्षेत्र के ट्रांसपोर्टरों ने समर्थन दिया था। बीते 28 जुलाई को आंदोलन दिवस के दिन डीओ होल्डर्स और लिफ्टर्स की चर्चा हुई थी,जिसमें भाड़ा बढोतरी की मांग के संबंध में चर्चा के लिए समय मांगा गया था। बैठक में तय हुआ था कि इस मुद्दे पर ट्रांसपोर्टर और डीओ होल्डर्स, लिफ्टर्स 11 अगस्त को चर्चा करेंगे। इसी कड़ीं में सोमवार को दीपका सामुदायिक भवन में दोपहर 12 बजे से बैठक बुलाई गई थी। ट्रक-ट्रेलर मालिक सेवा समिति के अध्यक्ष जितेंद्र ने कहा कि बैठक में डीओ होल्डर्स और लिफ्टर्स नहीं पहुंचे और समर्थन नहीं दिया, जिससे भाड़ा बढ़ोतरी को लेकर चर्चा नहीं हो सकी। ऐसे में ट्रक-ट्रेलर मालिक सेवा समिति की ओर से आगामी 20 अगस्त से फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया गया है। ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि वे एसईसीएल की कोयला खदानों से स्थानीय उद्योगों को कोयला सप्लाई करते हैं। कोल परिवहन भाड़ा बढोतरी की मांग को लेकर पूर्व में प्रशासन को पत्र दिया गया था। लेकिन ट्रांसपोर्टरों की मांग पर कोई पहल नहीं हुआ। इससे नाराज ट्रांसपोर्टरों ने बीते 28 जुलाई को खदानों से कोयला परिवहन का कार्य बंद कर दिया था। जिसके तहत ट्रकों से एसईसीएल कुसमुंडा खदान और मानिकपुर खदान में कोल ट्रांसपोर्टिंग कार्य बंद कर दिया गया था। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि बीते कुछ वर्षो के दौरान डीजल व ऑटो पार्टस के दाम में काफी बढ़ोतरी हुई है। लेकिन इसके मुकाबले कोयला परिवहन भाड़ा नहीं बढ़ा है। कई बार भाड़ा बढाने की मांग की गई है, लेकिन इसे गंभीरता से नहीें लिया गया। इसलिए आंदोलन करना पड़ रहा है। कोरबा जिले में एसईसीएल के कोरबा, कुसमुंडा, दीपका और गेवरा क्षेत्र की खदानों से कोयला अन्य उद्योगों तक ट्रक व ट्रेलर से परिवहन करते हैं।

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