*महाकुल समाज द्वारा यहां तीन पीढ़ियों से जारी है ये परंपरा, श्री कृष्ण…- भारत संपर्क

जशपुरनगर। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव इस वर्ष भी गरियादोहर गांव में पूरे हर्षोल्लास और धार्मिक उल्लास के साथ मनाया गया। महाकुल समाज द्वारा आयोजित यह परंपरा बीते तीन पीढ़ियों से लगातार जारी है, जिसने पूरे गांव को भक्ति और उल्लास से भर दिया है।पहले दिन मध्यरात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव विधिविधान से मनाया गया,इस अवसर पर भजन-कीर्तन और झूला उत्सव ने भक्तों को आनंदित कर दिया। वहीं दूसरे दिन प्रातः काल से ही नगर भ्रमण का आयोजन हुआ। नगर भ्रमण में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। भजन-कीर्तन की गूंज और “जय श्रीकृष्ण” के जयकारों से पूरा गांव गूंज उठा।नगर भ्रमण के दौरान श्रद्धालुओं ने परंपरा के अनुसार श्रीकृष्ण जी का पांव पखार कर पूजा-अर्चना की। इस अनूठी परंपरा को देखने और भाग लेने के लिए आसपास के गांवों से भी लोग बड़ी संख्या में पहुंचे।
कंचनपुर कीर्तन मंडली ने बांधा समा, गायक आदर्श प्रधान की भक्ति धुनों पर झूमे श्रद्धालु
गरियादोहर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के दूसरे दिन नगर भ्रमण और भजन-कीर्तन के दौरान कंचनपुर की प्रसिद्ध कीर्तन मंडली ने अपनी प्रस्तुतियों से पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। मंडली के गायक आदर्श प्रधान की मधुर आवाज़ और भक्ति रस से ओतप्रोत गायन ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।आदर्श प्रधान ने जब भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं पर आधारित पद और कीर्तन प्रस्तुत किए, तो सैकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालु झूम उठे। मंडली के साथ बज रहे मृदंग, झांझ कार्यक्रम की भव्यता में और चार चांद लगा दिए।भजन-कीर्तन की धुन पर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी झूमते नज़र आए। श्रद्धालुओं ने तालियों और “हरे कृष्ण-हरे राधे” के जयकारों से मंडली का उत्साहवर्धन किया।