चाकू बाजी में घायल छात्र की इलाज के दौरान हो गई मौत — भारत संपर्क


बिलासपुर।
शहर में अपराध की वारदातें लगातार बढ़ती जा रही हैं। शुक्रवार की रात एक छात्र पर पुरानी रंजिश को लेकर चाकू से हमला किया गया, जिसमें गंभीर रूप से घायल छात्र की इलाज के दौरान मौत हो गई। हैरानी की बात यह है कि सिविल लाइन पुलिस ने इस गंभीर हमले को साधारण मारपीट का मामला दर्ज कर खानापूर्ति कर दी।
क्या है मामला

कस्तूरबानगर निवासी महेश यादव पिता विशाल यादव ने पुलिस को बताया कि कुछ समय पहले स्कूल में उसका विवाद समीर अंसारी से हुआ था। शुक्रवार की रात करीब 10 बजे राजीव गांधी चौक के पास उसकी समीर से मुलाकात हो गई। तभी समीर अंसारी का एक साथी पीछे से आया और महेश पर चाकू से हमला कर दिया। जिससे उसकी आंते फट गई थी।
गंभीर रूप से घायल महेश को तत्काल सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उसकी स्थिति नाजुक बताते हुए लगातार इलाज किया, लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल
घटना की जानकारी मिलते ही घायल छात्र के बड़े भाई अजय यादव ने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। लेकिन पुलिस ने हमलावर समीर अंसारी और उसके साथियों के खिलाफ साधारण मारपीट की धारा 115, 2, 296, 3, 5 के तहत ही अपराध दर्ज किया। इससे परिजनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
सिविल लाइन सीएसपी निमितेश सिंह का कहना है कि प्रारंभिक तौर पर घायल के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ही साधारण धाराएं दर्ज की गई थीं। लेकिन अब छात्र की मौत हो चुकी है, इसलिए हत्या की धारा जोड़कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
लगातार बढ़ रहे चाकूबाजी के मामले
पिछले कुछ समय से बिलासपुर शहर में चाकूबाजी और आपराधिक घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अक्सर मामूली विवाद या पुरानी रंजिश के चलते युवक खुलेआम चाकू लेकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं। इससे आम नागरिकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
छात्र महेश यादव की मौत ने एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवार और स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर घटना को गंभीरता से लिया जाता तो शुरुआत से ही कठोर धाराओं में अपराध दर्ज होता और अपराधियों को जल्द गिरफ्तारी मिलती। अब देखना होगा कि पुलिस हत्या की इस वारदात में कितनी सख्ती से कार्रवाई करती है।
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