शहर में आवारा कुत्तों को आतंक, खौफ में राहगीर-वाहन चालक, 18 दिन में 93 लोगों को काटा – भारत संपर्क न्यूज़ …

रात में वाहनों पर टूट पड़ते हैं कुत्ते, दहशत में लोग, जिम्मेदार फिर भी मौन
जुलाई में 242 लोग हुए डॉग बाइट के शिकार
भारत संपर्क न्यूज़। रैबीज के बढ़ते मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से जताई गई चिंता के बीच रायगढ़ जिले के आंकड़े भी डराने वाले हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिला अस्पताल में जुलाई में 242 और अगस्त में 1 से 18 अगस्त तक 82 लोगों को कुत्तों ने काटा है। वहीं मेडिकल कॉलेज में अगस्त में अभी तक 11 मामले सामने आया है इस तरह 18 दिन में 93 लोग डॉग बाइट के शिकार हुए हैं।
मेडिकल कॉलेज से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार विगत सात माह में 318 लोग डॉग बाइट के शिकार हुए हैं। जानकारी के अनुसार जनवरी 2025 में 66, फरवरी में 45, मार्च में 46, अप्रैल में 57, मई में 28, जून में 42, जुलाई में 23 और अगस्त में अभी तक 11 मामले सामने आए हैं।
शहर से लेकर गांव तक रोजाना कुत्ते कई लोगों पर हमला कर रहे हैं हालांकि अस्पतालों में इन्हें एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाया जा रहा है, लेकिन इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए कोई इंतजाम नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में एंटी रैबीज वैक्सीन प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। कुत्ते के काटने पर वैक्सीन जरूर लगवाएं।
शहर के अधिकांश वार्ड मोहल्ले जैसे रामभांठा, इंदिरा नगर, पंजरी प्लांट, केवडाबाड़ी बस स्टैंड, जूटमिल, चक्रधर नगर, कायाघाट, बेलादुला, टीवी टावर, डिग्री कॉलेज सहित पूरे शहर के मोहल्ले में शाम होते ही इनका आतंक बढ़ जाता है। इससे सफर करना खतरे से खाली नहीं होता। इन दिनों आवारा श्वान झुंड बनाकर लोगों को दौड़ा रहे हैं, जिससे लोग भयभीत होकर कई बार बाइक से गिर जाते हैं तो वहीं बच्चे भाग नहीं पाने के कारण उनका शिकार हो रहे हैं।
बच्चों और बुजुर्गों पर हमलों की घटनाएं बढ़ी
शहर में प्रशासन के तमाम दावों के बाद भी लावारिस कुत्तों का खतरा बढ़ता जा रहा है। झुंड में घूमते आवारा कुत्तों की वजह से कई स्थानों पर लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है। बच्चों और बुजुर्गों पर हमलों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
अब ये आवारा कुत्ते अकेले चलने वालों राहगीरों के लिए बड़ा खौफ बनते जा रहे हैं। राहगीर एवं दो पहिया वाहन चालक रात में अकेले जाने से डरने लगे हैं। राह चलते कब कुत्ते हमला कर दें कोई पता नही हैं। शहर में आवारा कुत्तों का खौफ इस कदर छाया हुआ है कि लोग रात तो रात दिन में भी इनके झुंड को देखकर अपना रास्ता बदल लेने में ही भलाई समझते हैं। इनकी लगातार बढ़ रही आबादी को लेकर न तो नगर निगम प्रशासन संजीदा है और न ही इनकी आबादी को कम करने के लिए किसी तरह का प्रयास किया जा रहा है।
धरातल पर नहीं उतरी डॉग हाउस योजना
आवारा श्वान से बचाव के लिए विगत तीन साल पहले निगम द्वारा योजना बनाई गई थी। इसमें डॉग हाउस का निर्माण होना था, लेकिन यह योजना कागजों में ही सिमट कर रह गई। साथ ही श्वानों की नसबंदी भी विगत कई सालों से नहीं हो रही है। इससे लगातार इनकी संया बढ़ रही है। इससे हर दिन लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।
नसबंदी योजना भी हो गई फेल
कुत्तों का आतंक काफी बढ़ गया है, लेकिन इनकी जनसंख्या को कम करने नगर निगम की तरह से किसी भी प्रकार की पहल नहीं की जा रही है। पूर्व में नसबंदी की गई थी करोड़ो रूपये खर्च किए गए थे लेकिन वह कारगर साबित नही हुआ। नसबंदी योजना भी फेल हो गई है। इस संबंध में निगम के अधिकारियों से निगम की क्या योजना है उसके बार में जानकारी लेने के लिए फोन से संर्पक किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
तुरंत रैबीज का इंजेक्शन लेना आवश्यक
डॉ. दिनेश पटेल, सिविल सर्जन जिला अस्पताल रायगढ़ ने कहा कि कुत्ते के काटने पर तुरंत रैबीज का इंजेक्शन लेना आवश्यक है। झाड़-फूंक जैसे उपचारों से बचना चाहिए। कुत्ते के काट लेने पर पीडि़त को तुरंत साफ पानी और साबुन से उस जगह को अच्छे से धो लेना चाहिए। क्योंकि कुत्तों के लार में रैबीज नामक कीटाणु होते हैं, जो जानलेवा होते हैं। इसलिए कुत्ते के काटने पर इंजेक्शन लगवाना जरूरी होता है। कुत्ते के काटने के बाद इंजेक्शन नहीं लगवाने से मौत तक हो सकती है। कुत्ते के काटने के बाद तुरंत नजदीकी सीएचसी, जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।