जिस एक आतंकी संगठन से डरता है चीन, उस ETIM की पूरी कुंडली – भारत संपर्क


चीन ने यूएन में लगाई गुहार (Photo- China Govt)
न अलकायदा और न ही इस्लामिक स्टेट (ISIS)…चीन अब पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट नामक आतंकी संगठन से पूरी तरह डर गया है. बुधवार (20 अगस्त) को यूनाइटेड नेशन की बैठक में चीन ने फौरन इस आतंकी संगठन पर कार्रवाई करने की मांग की. चीन का कहना था कि इस आतंकी संगठन को न रोका गया तो मिडिल ईस्ट से लेकर दक्षिण एशिया तक के देश बर्बाद हो जाएंगे.
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक यूएन की बैठक में चीन के उप-स्थायी प्रतिनिधि गेंग शुआंग ने कहा- पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट के हजारों आतंकी सीरिया में फिर से सक्रिय हो गए हैं. सीरिया में बूस्टर मिलने के बाद ये आतंकी अपने आस-पड़ोस में आतंक फैलाएंगे. इस पर तुरंत कार्रवाई हो. नहीं तो स्थिति बद से बदतर हो जाएगी.
पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट क्या है?
1990 में हसन महमून ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान में इसकी स्थापना की थी. इस आतंकी संगठन का मकसत अलग तुर्किस्तान मुल्क बनाना है. काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस आतंकी संगठन का गठन चीन में उइगरों को अलग देश बनाने में मदद करने के लिए किया गया था.
शुरुआत में इस आतंकवादी संगठन को अलकायदा से फंड मिलता था. 1999 में एक रूसी अखबार ने दावा किया था कि इसके आतंकवादियों को ओसामा बिन लादेन की देखरेख में ट्रेनिंग दी जा रही है. 2002 में इस आतंकी संगठनों पर दुनिया ने प्रतिबंध लगाना शुरू किया.
2003 में चीन ने पाकिस्तान की मदद से इसके संस्थापक हसन महमूम की हत्या कर दी थी. 2010 में महमून के उत्तराधिकारी अब्दुल हक को भी चीन ने मार गिराया था. इसके बाद से इस संगठन ने पर्दे के पीछे से खेल शुरू किया. उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की गई.
चीन में पहले हड़कंप मचा चुका है ETIM
2008 से लेकर 2014 तक इस आतंकी संगठन ने चीन में बैक टू बैक 8 बड़े हमले किए. इनमें काशगर हमला, बीजिंग ओलंपिक से पहले अटैक, उरुमकी दंगे और कुनमिंग रेलवे स्टेशन का हमला शामिल है.
इन हमलों में चीन के कम से कम 260 लोग मारे गए. 500 से ज्यादा लोग घायल हुए. उस वक्त चीन में पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट के इन हमलों ने हड़कंप मचा दिया था. चीन ने इसके बाद उइगर मुसलमानों को सीधे रडार में लेना शुरू किया.
दुनिया में नए सिरे से उभर रहा है ETIM
गेंग के मुताबिक सीरिया में तख्तापलट के बाद पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट के आतंकी सक्रिय हो गए हैं. ये आतंकी धीरे-धीरे सीमा को भी पार कर रहे हैं. आने वाले वक्त में इन आतंकियों की वजह से मध्य पूर्व और साउथ एशिया के कई देश प्रभावित हो सकते हैं.
गेंग ने अपने भाषण में यूएन की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि अकेले सीरिया में इसके हजारों आतंकी सक्रिय हो गए हैं. चीन को डर है कि सीरिया के बाद ये आतंकी उसी की धरती पर घुसपैठ करेगा. चीन की शासन व्यवस्था की वजह से पहले से ही वहां के उइगर मुसलमान नाराज हैं.
2020 के आंकड़ों के मुताबिक चीन के शिजियांग प्रांत में 1.7 करोड़ उइगर हैं. वहीं चीन के पड़ोस में करीब 15 लाख उइगर मुसलमान रहते हैं. यहां अगर बगावत होती है तो चीन के लिए बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट शिजियांग प्रांत से ही होकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान में जाता है. अगर यहां की स्थिति तनावपूर्ण होती है तो इस प्रोजेक्ट पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं.