एक छोटी सी गलती और वीजा हो जाएगा रद्द….अमेरिका में पढ़ रहे पाकिस्तानी छात्रों में… – भारत संपर्क


डोनाल्ड ट्रंप और शहबाज शरीफ
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों पाकिस्तान पर नरम रुख अपनाते नजर आ रहे हैं. मसलन भारत के मुकाबले पाकिस्तान पर कम टैरिफ लगाया गया और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को आतंकी संगठन घोषित किया गया.
लेकिन इसी बीच एक अलग खबर आई है. दरअसल अमेरिका में पढ़ाई कर रहे पाकिस्तानी छात्र इन दिनों चिंता में हैं. वजह है ट्रंप प्रशासन का नया कदम, जिसके तहत सोशल मीडिया पोस्ट और छोटी-छोटी गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है. इससे छात्रों को डर है कि कहीं उनका वीजा रद्द न हो जाए.
सोशल मीडिया पोस्ट पर सख्ती
अमेरिकी सरकार अब सोशल मीडिया की गहराई से जांच कर रही है. अगर किसी पोस्ट में अमेरिका, उसकी सरकार, संस्कृति या संस्थाओं के खिलाफ बात पाई गई, तो यह वीजा के लिए खतरा बन सकती है. यही नहीं, अधूरे दस्तावेज या नियम तोड़ना भी परेशानी खड़ी कर सकता है.
छोटे उल्लंघनों से भी डर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब ट्रैफिक नियम तोड़ना, कॉलेज कैंपस में प्रदर्शन करना या छोटे विवाद भी सीधे अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) तक पहुँच सकते हैं. हाल ही में वर्जीनिया की एक अदालत ने पाकिस्तानी छात्रों को बताया कि अब ट्रैफिक रिकॉर्ड DHS को भेजे जाएंगे.
छात्रों का क्या कहना है?
यूनुस खान (बाल्टीमोर के छात्र) ने कहा कि वे शिकागो जाने वाले थे, लेकिन अब उन्हें सलाह मिली कि यात्रा टाल दें, क्योंकि एक छोटी गलती भी वीजा रद्द करा सकती है. समीना अली का कहना है कि उन्होंने और उनके दोस्तों ने फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था. अब उन्हें डर है कि कहीं निर्वासन (डिपोर्ट) न कर दिया जाए.
मोहम्मद साजिद (जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी) बताते हैं कि पढ़ाई के साथ पार्ट-टाइम नौकरी करना भी मुश्किल हो गया है. वॉशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास इस हालात पर नजर रख रहा है. दूतावास छात्रों को कह रहा है कि वे राजनीतिक गतिविधियों में सावधानी बरतें। खासकर प्रदर्शनों और सोशल मीडिया पर किसी भी बयान से बचें.
बड़ी संख्या में पाकिस्तानी
अमेरिका में करीब 7 से 10 लाख पाकिस्तानी रहते हैं. इनमें से ज्यादातर लंबे समय से रह रहे हैं या अमेरिकी नागरिक बन चुके हैं. लेकिन नए आए छात्रों और वर्क वीजा धारकों के लिए माहौल काफी अनिश्चित हो गया है. कुलजमा बात ये है कि अमेरिकी सख्ती की वजह से पाकिस्तानी छात्रों में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ रही है. अब उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ हर छोटे कदम पर सावधानी रखनी पड़ रही है.