पारंपरिक त्योहार पोला पर की गई मिट्टी के बैलों की पूजा, घरों…- भारत संपर्क
पारंपरिक त्योहार पोला पर की गई मिट्टी के बैलों की पूजा, घरों में बनाए गए विशेष पकवान
कोरबा। छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्योहार पोला शहर सहित अंचल में शनिवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह घर-घर मिट्?टी से बने बैल व खिलौनों की पूजा हुई। फिर बच्चे बड़े उत्साह से उससे खेलते नजर आए। दोपहर बाद गांवों में बैल दौड़ समेत कई पारंपरिक प्रतियोगिताएं हुईं। बता दें कि पोल पर्व मूलत: खेती-किसानी से जुड़ा त्योहार है। कहा जाता है कि इसी दिन धान के पौधों में इस दिन दूध भरता है। इसलिए यह त्योहार भादो अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन लोगों को खेत पर जाने की मनाही होती है। पोला पर्व महिलाओं, पुरुषों और बच्चों के लिए अलग-अलग महत्व रखता है। बच्चे मिट्टी से बने खिलौने, बैल को मजे के साथ खेलते है। पुरुष अपने पशुधन को सजाते हैं और पूजा करते हैं। छोटे-छोटे बच्चे भी मिट्टी के बैलों की पूजा करते हैं। शनिवार को पर्व पर हर घर में विशेष पकवान बनाए गए। ठेठरी, खुरमी, गुझिया जैसे पारंपरिक पकवानों की महक चारों तरफ बिखरी रही। पकवानों को मिट्टी के बर्तन में रखकर पूजा के समय भोग लगाया गया। ताकि बर्तन हमेशा अन्न से भरे रहे। गांवों में बैल दौड़ प्रतियोगिता भी हुई। जिसमें किसानों ने अपने बैलों को सजाकर मैदान में उतारा।
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हरतालिका तीज 26 अगस्त को
रक्षाबंधन के बाद अब हरतालिका तीज के कारण बाजार में रौनक बढ़ने लगी है। खासकर कपड़ा, सराफा व कॉस्टमेटिक्स प्रतिष्ठानों पर महिलाओं की भीड़ देर रात तक रह रही है। हरतालिका तीज 26 अगस्त को पड़ रही है।लोग बेटी और बहुओं के यहां तीज भेजने की तैयारी में जुटे हैं। नगर के प्रमुख बाजारों में कॉस्टेटिक्स, सराफा, कपड़े की दुकानों पर पुरुष, महिलाएं सामानों की खरीदारी में जुटे हैं। सोने और चांदी पर छाई महंगाई के बावजूद हल्के वजन के आभूषण के ऑर्डर मिल रहे हैं।हरतालिका तीज को देखते हुए महिलाओं के मनपसंद श्रृंगार प्रसाधन सामग्रियों का स्टॉक मौजूद है। इस बार बाजार में एडी नग कंगन 500 रुपये से लेकर 2000, ब्रॉस कंगन 300 से 1200, लॉक कंगन 250 रुपये से 500 रुपये तक उपलब्ध है।