संपत्ति विवाद में मां पर जानलेवा हमला करने वाला आरोपी नारायण…- भारत संपर्क



बिलासपुर — एक गंभीर पारिवारिक विवाद ने सोमवार की रात समाज में हलचल मचा दी । आरोप है कि नरगोडा निवासी नारायण खरे (उम्र 46) ने अपनी मां उर्मिला खरे पर जानलेवा हमला कर उन्हें गंभीर चोटें पहुंचाईं। परिजनों के साथ कलेक्ट्रेट व एसपी कार्यालय के आस-पास हुई गिरफ्तारी-प्रयास का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें परिजन गिरफ्तानी का विरोध करते दिखे। मामले में थाना सीपत द्वारा नारायण के खिलाफ धारा 296, 115(2), 351(2), 117(2), 118(2) बीएनएस के तहत अभियोग पंजीबद्ध किया गया है।
जानकारी के अनुसार, घटना के बाद उर्मिला खरे को गंभीर चोटें आईं और वे 09 जून, 2025 से 12 जुलाई, 2025 तक सिम्स अस्पताल, बिलासपुर में भर्ती रहीं। अस्पताल के उपचार के दौरान उनकी कलाई में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई और उन्हें लंबी अवधि तक चिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता पड़ी। पीड़िता और आरोपी के बीच जमीन-संपत्ति को लेकर पुराना विवाद चल रहा है और आरोप है कि इस संपत्ति विवाद के सिलसिले में नारायण ने अपनी मां पर हमला किया।

थाना सीपत ने बताया कि अभियोजन पक्ष के अनुरोध पर और सूचना के आधार पर पुलिस 19 अगस्त, 2025 को कलेक्ट्रेट/एसपी कार्यालय बिलासपुर के पास जाकर नारायण को गिरफ़्तार करने पहुँची। वीडियो में दिखने के अनुसार आरोपी के परिजन गिरफ्तारी के विरोध में आगे आए और स्थानीय स्तर पर रोष प्रकट किया। पुलिस ने बताया कि परिजनों द्वारा गिरफ्तारी का विरोध तथा कुछ लोगों द्वारा पुलिस पर बर्बरता और रिश्वत मांगने के झूठे आरोप लगाए जाने की कोशिश की गई — जिसे पुलिस ने पूरी तरह खंडित किया है।
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि नारायण के विरुद्ध पहले से भी थाना सीपत में प्रतिबंधात्मक कार्यवाही का रिकॉर्ड मौजूद है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जिला पुलिस और एसएसपी रजनेश सिंह ने घोर संजीदगी दिखाई है। एसएसपी रजनेश सिंह ने मीडिया को बताया कि परिजनों द्वारा पुलिस पर लगाए गए आरोपों की स्वतंत्र और निष्पक्ष छानबीन की जाएगी तथा दोष सिद्ध होने पर सख्त कार्रवाई करवाई जाएगी। एसएसपी ने साथ ही कहा कि किसी भी प्रकार की बेतुकी अफवाह या झूठे आरोपों से न्याय प्रक्रिया प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी नारायण खरे को 19 अगस्त, 2025 को ही न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। आगे की वैधानिक कार्रवाई तथा चार्जशीट दायर करने की प्रक्रिया थाना सीपत द्वारा जारी है। स्थानीय अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि सार्वजनिक स्थानों पर हुई किसी भी तरह की हिंसा या अवैध दबिश की जांच की जाएगी और यदि किसी पुलिसकर्मी के विरुद्ध अनुचित व्यवहार का प्रमाण मिलता है तो विभागीय कार्रवाई होगी — परंतु वर्तमान में पुलिस का रुख आरोपों का खंडन करते हुए निर्दोष साबित करने योग्य मामलों पर सख्ती बरतने का है।