मैच फिक्सिंग के आरोप में फंसा ये बल्लेबाज, मंडराया 5 साल के बैन का खतरा – भारत संपर्क

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मैच फिक्सिंग के आरोप में फंसा ये बल्लेबाज, मंडराया 5 साल के बैन का खतरा – भारत संपर्क

मैच फिक्सिंग में फंसा ये बल्लेबाज. (फोटो- Robert Cianflone/Getty Images)
क्रिकेट और मैच फिक्सिंग का पुराना नाता रहा है. अभी तक कई स्टार खिलाड़ी इसमें फंस चुके हैं. एक बार फिर क्रिकेट जगत में मैच फिक्सिंग का खुलासा हुआ है. ये मामला बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के लिस्ट ए टूर्नामेंट ढाका प्रीमियर लीग के पिछले सीजन से जुड़ा है. जिसके चलते अब एक खिलाड़ी पर 5 साल का बैन लग सकता है. बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) की एंटी-करप्शन यूनिट (ACU) ने इस खिलाड़ी के खिलाफ एक्शन लेने की सिफारिश की है.
मैच फिक्सिंग में फंसा ये बल्लेबाज
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) की एंटी-करप्शन यूनिट (ACU) ने बल्लेबाज मिन्हाजुल आबेदीन सब्बीर पर ढाका प्रीमियर लीग (DPL) में मैच फिक्सिंग के आरोपों के चलते कम से कम पांच साल के बैन की सिफारिश की है. यह विवाद ढाका प्रीमियर लीग 2025 के एक मुकाबले से जुड़ा है, जिसमें शाइनपुकुर क्रिकेट क्लब और गुलशन क्रिकेट क्लब के बीच खेला गया मैच संदेह के घेरे में आया था. इस मैच में दो असामान्य डिसमिसल ने सभी का ध्यान खींचा. पहला मामला सलामी बल्लेबाज रहीम अहमद का था, जिन्हें बिना वापस लौटने की कोशिश किए स्टंप आउट किया गया था. लेकिन सबसे ज्यादा विवाद तब हुआ, जब सब्बीर ने 44वें ओवर में अपनी क्रीज के अंदर झुककर और बिना किसी बाधा के स्टंपिंग का मौका दिया. इस अजीबोगरीब डिसमिसल ने मैच फिक्सिंग की आशंका को जन्म दिया था.

BCB की एंटी-करप्शन यूनिट ने इस मामले की गहन जांच की और पाया कि सब्बीर ने BCB के एंटी-करप्शन कोड के कई नियमों का उल्लंघन किया. जांच में सामने आया कि सब्बीर संदिग्ध सट्टेबाजों के संपर्क में थे और उन्होंने इन संपर्कों की जानकारी बोर्ड को नहीं दी, जो कोड के तहत गंभीर उल्लंघन है. ACU ने अपनी रिपोर्ट में कम से कम पांच साल के बैन की सिफारिश की है, जिसमें आठ से दस साल तक की सजा की संभावना भी शामिल है. इस मामले को अब BCB के एंटी-करप्शन ट्रिब्यूनल को सौंपा गया है, जो आखिरी फैसला लेगा.
एक्शन मोड़ में बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड
BCB ने इस मामले को क्रिकेट में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो-टॉलरेंस नीति का हिस्सा बताया है. अधिकारियों ने इसे एक चेतावनी के रूप में देखा है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है. ACU ने सुझाव दिया है कि घरेलू टूर्नामेंट्स में संचार नियमों को और सख्त किया जाए, बड़े मैचों में एंटी-करप्शन इंस्पेक्टर की तैनाती हो, और सट्टेबाजी बाजारों की रीयल-टाइम निगरानी की जाए. इसके अलावा, अगर सब्बीर दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें क्रिकेट में वापसी के लिए पुनर्वास कार्यक्रमों से गुजरना होगा, जिसमें युवा खिलाड़ियों को भ्रष्टाचार के खतरों के बारे में जागरूक करना शामिल है.

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