दिल्ली के इस फेमस IAS कोचिंग सेंटर पर लगा 3 लाख का जुर्माना, जान लीजिए वजह |…
इस IAS कोचिंग सेंटर पर लगा जुर्मानाImage Credit source: Instagram/sriramsias
देश में ऐसे कोचिंग संस्थानों की कमी नहीं है, जो यूपीएससी की तैयारी कराते हैं और छात्रों को आईएएस-आईपीएस बनाने का दावा करते हैं. कुछ संस्थान तो ऐसे भी हैं, जो भ्रामक दावे करके छात्रों को गुमराह करते हैं. ऐसे ही एक आईएएस कोचिंग सेंटर पर जुर्माना लगाया गया है. दरअसल, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के रिजल्ट के बारे में भ्रामक दावों का विज्ञापन करने को लेकर श्रीराम आईएएस कोचिंग पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने अपने एक बयान में बताया कि ‘सीसीपीए ने दिल्ली के श्रीराम आईएएस कोचिंग संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की है. संस्थान ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) 2022 के बारे में भ्रामक विज्ञापन दिया था, जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 का उल्लंघन करता है’.
मंत्रालय के मुताबिक, संस्थान ने दावा किया था कि श्रीराम आईएएस से 200 छात्रों का चयन यूपीएससी में हुआ है, जबकि असलियत में संस्थान से सिर्फ 171 उम्मीदवार ही चुने गए थे. मंत्रालय ने कहा कि कोचिंग पर जुर्माना लगाने का ये फैसला उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए किया गया है और यह सुनिश्चित करने के लिए फैसला लिया गया है कि किसी भी सामान या सेवा का गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो.
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श्रीराम आईएएस ने क्या-क्या दावे किए थे?
- यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 200 से अधिक चयन
- हम भारत के नंबर 1 प्रतिष्ठित यूपीएससी/आईएएस कोचिंग संस्थान हैं
इसके अलावा केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने ये भी पाया कि श्रीराम आईएएस ने विभिन्न प्रकार के कोर्स का विज्ञापन किया, लेकिन यूपीएससी 2022 परीक्षाओं के लिए अपने विज्ञापनों में विज्ञापित सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए कोर्स के संबंध में जानकारी जानबूझकर छिपा ली, जिससे छात्रों को यह गलत विश्वास हो गया कि संस्थान द्वारा दावा किए गए सभी सफल उम्मीदवारों ने संस्थान द्वारा अपनी वेबसाइट पर विज्ञापित पाठ्यक्रमों का ही विकल्प चुना था.
मंत्रालय ने कहा कि सफल अभ्यर्थियों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी छात्रों के लिए बहुत जरूरी है, ताकि वो सोच-समझकर ये फैसला ले सकें कि उन्हें किस पाठ्यक्रम और किस कोचिंग संस्थान में एडमिशन लेना है. मंत्रालय ने बताया कि अधिकांश उम्मीदवारों ने पहले ही प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा खुद ही पास कर ली थी, उसमें श्रीराम आईएएस का कोई योगदान नहीं था.