एक इंतकाम ऐसा भी! पिता के कातिल को पकड़ने पुलिस अफसर बनी बेटी, 25 साल बाद ऐसे दबोचा


अपराधी को ले जाती हुई पुलिस (सांकेतिक तस्वीर)Image Credit source: kali9/E+/Getty Images
यह कहानी है ब्राजील के बाओ विस्टा की रहने वालीं गिस्लेने डे देउस की, जिनके पिता की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. तब वह सिर्फ 9 साल की थीं. गिस्लेने अपनी पांच बहनों में सबसे बड़ी थीं, लेकिन पिता की हत्या के बाद नन्ही उम्र में ही उनके कंधों पर चार छोटी बहनों की जिम्मेदारी आ गई. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, और कसम खाई कि वह अपने पिता के कातिल को सजा दिलवाकर ही दम लेंगी. इसके बाद पुलिस अधिकारी बनने का सपना देखा, ताकि अपने पिता के हत्यारे को पकड़ सकें. आखिरकार, 2024 में उनकी मेहनत रंग लाई और अपराधी अब सलाखों के पीछे है.
गिस्लेने की कहानी सुनने में आपको भले ही फिल्मी लगेगी, लेकिन एक पुलिस अफसर बनने के कुछ ही महीने बाद उन्होंने अपने पिता के हत्यारे को दबोचकर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा ही दिया. इस तरह एक बेटी का इंतकाम पूरा हुआ. उसने पिता को न्याय दिलाने के लिए 25 साल लंबा संघर्ष किया.
50 पाउंड के लिए मार दी गोली
वह आज भी 1999 के उस दिन भुला नहीं पाई हैं, जब सिर्फ 50 पाउंड (यानि लगभग 5,500 रुपये) के लिए उनके पिता गिलवाडो को गोली मार दी गई थी. बाओ विस्टा के एक बार में उनके पिता की रेमुंडो गोम्स नाम के एक शख्स के साथ तीखी नोकझोंक हो गई, जिसके बाद गोम्स वहां से चला तो गया, लेकिन साथ में पिस्टल लेकर लौटा. इसके बाद गिलवाडो की खोपड़ी में पिस्टल सटाकर गोली मार दी.
फिर पुलिस अधिकारी बनी बेटी
हत्या की वारदात को अंजाम देकर गोम्स फरार हो गया. उसके खिलाफ वारंट निकला, लेकिन पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई. फिर उसकी तलाश फाइलों में ही सिमटकर रह गई. उधर, गिस्लेने ने लॉ की पढ़ाई शुरू की. फिर 2023 में वकील बनीं. इसी साल उन्होंने पुलिस भर्ती परीक्षा भी दी और उसमें पास भी हो गईं. फिर जैसे ही उनकी नियक्ति हुई, उन्होंने सरकार से खुद को हत्या संबंधी डिपार्टमेंट में नियुक्त करने की अपील की. क्योंकि, उन्हें मालूम था कि इसी डिपार्टमेंट में जाकर वो अपने पिता के हत्यारे को दबोच सकती हैं.
‘तुम्हें पाताल से भी ढूंढ निकालती’
इसके बाद उन्होंने गोम्स की पूरी कुंडली निकाली और फिर कड़ी दर कड़ी मिलाकर उसे बोआ विस्टा के बाहरी इलाके से दबोच लिया. कोर्ट ने उसे 12 साल की सजा सुनाई है. उन्होंने हत्यारे को देखकर कहा, तुम पाताल में भी छिपे होते, तो वहां से भी तुम्हें ढूंढ निकालती. इसके बाद अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाईं. लेकिन हत्यारे को हथकड़ी में देख उन्हें राहत का सुकून जरूर मिला था.