80 हजार करोड़ का चेक लेकर तैयार है अडानी ग्रुप, ऐसे बनेगा…- भारत संपर्क
अडानी एंटरप्राइजेज ने इस वित्तीय वर्ष यानी 2024-25 में अलग-अलग बिजनेस पर 80,000 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है. वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के लिए पहले से तय किया गया कुल कैपिटल एक्सपेंडिचर का एक बड़ा हिस्सा नए एनर्जी सेक्टर और एविएशन सेक्टर के विकास में खर्च होगा. डिप्टी चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर सौरभ शाह ने कहा कि कंपनी वित्त वर्ष 2025 में लगभग 80,000 करोड़ रुपए के कैपिटल एक्सपेंडिचर पर विचार कर रही है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा एएनआईएल और हवाईअड्डे के कारोबार में जाएगा, जिसमें लगभग 50,000 करोड़ रुपए का कैपिटल एक्सपेंडिचर होगा.
ये है पूरा प्लान
एएनआईएल, अडानी न्यू इंडस्ट्रीज, सौर मॉड्यूल बनाती है जो सूर्य के प्रकाश को बिजली और ग्रीन हाइड्रोजन में परिवर्तित करती है. उन्होंने कहा कि फिर तीसरा हिस्सा सड़कों का होगा, जो गंगा एक्सप्रेसवे के कारण 12,000 करोड़ रुपए का कैपिटल एक्सपेंडिचर होगा और बाकी अन्य बिजनेसों में लगाया जाएगा. क्योंकि हम अपना पीवीसी प्रोजेक्ट भी शुरू कर रहे हैं, पीवीसी बिजनेस में लगभग 10,000 करोड़ रुपए का कैपिटल एक्सपेंडिचर होगा, जबकि शेष लगभग 5,000 करोड़ रुपए डेटा सेंटर में होगा. शाह ने कहा कि एएनआईएल 10 गीगावाट सौर मॉड्यूल के साथ-साथ 3 गीगावाट पवन टरबाइन का उत्पादन करने के लिए कारखानों को लक्षित कर रहा है.
ग्रीन एनर्जी पर भी है कंपनी का फोकस
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2026 के लिए अन्य कैपिटल एक्सपेंडिचर शुरुआती आवश्यकताओं के लिए होगा जो हमें अपने ग्रीन हाइड्रोजन के बिजनेस के लिए पूरा करना होगा, जो हमारे ग्रीन हाइड्रोजन के साथ-साथ डाउनस्ट्रीम प्रोडक्ट के लिए एक किकस्टार्ट के रूप में होगा. अडानी समूह ने गुजरात में अपने कारखाने में सौर सेल और मॉड्यूल बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले वेफर और सिल्लियों का व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर दिया है. इसका लक्ष्य 2027-28 में पॉलीसिलिकॉन बनाकर भारत का पहला एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा का प्लेयर बनना है. समूह का लक्ष्य 2030 तक 45 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न करना है, जिसका दो-तिहाई उत्पादन गुजरात के खावड़ा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क में किया जा रहा है.