शतक के बाद यशस्वी जायसवाल ने खोल दिए कई राज, गंभीर और बुमराह को ठहराया जिम्… – भारत संपर्क

इंग्लैंड के खिलाफ यशस्वी जायसवाल ने शानदार शतकीय पारी खेली. (Photo-George Wood/Getty Images)
लीड्स में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. दिन का खेल खत्म होने तक टीम इडिया ने तीन विकेट पर 359 रन बना लिए हैं. कप्तान शुभमन गिल 127 और उप कप्तान ऋषभ पंत 65 रन बनाकर खेल रहे हैं. इस मैच में सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने अपने करियर का पांचवां और इंग्लैंड में पहला शतक ठोक दिया. शतक लगाने के बाद टीम इंडिया के इस सलामी बल्लेबाज ने हेड कोच गौतम गंभीर और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने ऐसा खुलासा किया है, जिससे सभी लोग चौंक गए हैं.
यशस्वी ने गंभीर को लेकर क्या कहा ?
इंग्लैंड की सरजमीं पर पहला टेस्ट खेलने वाले यशस्वी जायसवाल ने पहली पारी में 159 गेंदों में 16 चौकों और एक छक्का की मदद से 101 रनों की शानदार पारी खेली. दिन का खेल समाप्त होने के बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हेड कोच गौतम गंभीर से हमें काफी सपोर्ट मिल रहा है. हमें अपनी मर्जी से खेलने की पूरी आजादी है, जिससे मेरी बल्लेबाजी में निखार आया है.
उन्होंने कहा कि मैच से पहले मैंने गंभीर से बल्लेबाजी को लेकर बात और प्लान बनाए. हमारा लक्ष्य बड़ी पारी खेलना था, जिसमें हम सफल रहे. उन्होंने कहा कि शुभमन गिल और मैं सेशन दर सेशन योजना बना रहे थे और कमजोर गेंदों पर प्रहार करने की बात कर रहे थे. गिल के साथ खेलने में मुझे मजा आता है. इसके अलावा जायसवाल ने बुमराह को लेकर भी बड़ी बात कही है.
बुमराह को लेकर किया बड़ा खुलासा
यशस्वी जायसवाल ने अपनी इस शतकीय पारी के लिए तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और हर्षित राणा की थैक्स बोला है. जायसवाल ने शतक लगाने के बाद ध्रुव जुरैल से बात की है. इसका वीडियो BCCI ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है.
Confidence. Patience. Belief 💯
Centurion Yashasvi Jaiswal speaks to Dhruv Jurel after scoring his 1st Test Hundred in England 🙌
WATCH 🎥 🔽 #TeamIndia | #ENGvIND | @ybj_19 | @dhruvjurel21
— BCCI (@BCCI) June 21, 2025
इसमें जायसवाल ने कहा कि बैकेनहम में जब हम इंट्रास्क्वॉड मैच खेल रहे थे तो जसप्रीत बुमराह और हर्षित राणा काफी अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे. इस दौरान मेरे बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे, लेकिन फिर भी मैं पिच पर टिका रहा. वहां से मुझे आत्मविश्वास मिला कि क्रीज पर मैं देर तक खड़ा रह सकता हूं. बाकी मेरे अंदर हमेशा से रनों की भूख रही है. इसके चलते ही इंग्लैंड के खिलाफ मैं अच्छी बल्लेबाजी कर पाया.