अडानी के बाद एयरटेल का बेड़ापार करेंगे राजीव जैन, कंपनी में…- भारत संपर्क

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अडानी के बाद एयरटेल का बेड़ापार करेंगे राजीव जैन, कंपनी में…- भारत संपर्क
अडानी के बाद एयरटेल का बेड़ापार करेंगे राजीव जैन, कंपनी में लगाएंगे 5,850 करोड़

अडानी के बाद एयरटेल का बेड़ापार करेंगे राजीव जैन, लगाएंगे 5,850 करोड़

गौतम अडानी का बेड़ापार लगाने के बाद अब GQG पार्टनर के राजीव जैन एयरटेल की नैय्या पार लगाने जा रहे हैं. दरअसल, सिंगापुर की टेलिकॉम कंपनी Singtel ने एक ब्लॉक डील में भारती एयरटेल में 0.8 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची है. यह बिक्री राजीव जैन की इनवेस्टमेंट फर्म GQG Partners ने की है. सौदे की वैल्यू 5,849 करोड़ रुपये रही. ब्लॉक डील में करीब 4.9 करोड़ शेयरों की खरीद-फरोख्त हुई है.

बता दें, जीक्यूजी पार्टनर्स ने गुरुवार को प्रमोटर समूह इकाई सिंगापुर टेलीकॉम या सिंगटेल से टेलीकॉम ऑपरेटर भारती एयरटेल के 49 मिलियन शेयर 1,193.70 रुपये में खरीदे. एयरटेल में 0.8% हिस्सेदारी के सौदे का मूल्य 710.81 मिलियन डॉलर या 5,849 करोड़ रुपये है. सिंगटेल की सहायक कंपनी पेस्टल लिमिटेड के माध्यम से की गई बिक्री के परिणामस्वरूप भारती एयरटेल में सिंगटेल की प्रभावी हिस्सेदारी 29.8% से घटकर 29% हो गई.

एयरटेल की नैय्या लगेगी पार

इससे पहले 2022 में भी सिंगटेल ने एयरटेल में 3.3% सीधी हिस्सेदारी बेची थी. टेलीकॉम ऑपरेटर एयरटेल की को-ओनरशिप सुनील भारती मित्तल परिवार और सिंगापुर स्थित सिंगटेल के पास है. इकनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंगलटेल ने अपने डेटा सेंटर और आईटी सेवाओं की वृद्धि को वित्तपोषित करने के साथ-साथ कर्ज को कम करने के लिए एयरटेल में हिस्सेदारी बेची है.

कंपनी के शेयरहोल्डर सिंगटेल सीएफओ आर्थर लैंग के मुताबिक, एयरटेल अपने सभी व्यवसायों में लगातार वृद्धि देख रही है और उसे मजबूत मार्केट वैल्यूएशन से पुरस्कृत किया गया है. उनका मानना ​​​​है कि भारत के बदलते डिजिटल परिवर्तन को देखते हुए विकास की अधिक गुंजाइश है और हम समय के साथ एयरटेल में अपनी प्रभावी हिस्सेदारी को बराबर करने के लिए भारती एंटरप्राइजेज के साथ काम करते हुए लंबी अवधि के लिए निवेशित रहने का इरादा रखते हैं.

कौन हैं राजीव जैन?

राजीव जैन फ्लोरिडा बेस्ड इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स के चेयरमैन हैं. उन्होंने अडानी की कंपनियों में बड़ा निवेश किया. पिछले साल की शुरुआत में जब हिंडनबर्ग के आरोपों के चलते अडानी समूह को लेकर बाजार का सेंटिमेंट बिगड़ गया था. निवेशकों का भरोसा हिल गया था और अडानी के शेयर लगातार गिरते जा रहे थे. तब राजीव जैन ने अडानी पर भरोसा दिखाया. अडानी की कंपनियों के शेयरों में बड़ा निवेश किया था. जब अडानी के शेयर गिर रहे थे, उन्होंने उस वक्त अडानी की कंपनी में पैसा लगाया. इस रिस्क का उन्हें मुनाफा भी हुआ. वहीं, अब वो सुनील भारती मित्तल की कंपनी एयरटेल के लिए में भी बड़ी खरीद कर रहे हैं.

शेयरों में आई तेजी

सिंगटेल द्वारा सौदे की घोषणा के बाद, एयरटेल के शेयर बीएसई पर 1% बढ़कर 1203.40 रुपये पर कारोबार कर रहे थे. 2022 में, तकनीकी दिग्गज Google ने 734 रुपये के निर्गम मूल्य पर तरजीही आवंटन के माध्यम से दूरसंचार ऑपरेटर में 1.18% हिस्सेदारी खरीदी थी. GQG ने पिछले साल 15,000 करोड़ रुपये में चार अदानी शेयरों में हिस्सेदारी खरीदकर दलाल स्ट्रीट पर सुर्खियां बटोरीं. हिंडनबर्ग संकट का चरम. जीक्यूजी के भारतीय पोर्टफोलियो में अब आईटीसी, पतंजलि फूड्स, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, जेएसडब्ल्यू एनर्जी, मैक्स हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट के अलावा अरबपति गौतम अडानी के साम्राज्य के छह काउंटर शामिल हैं.

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