All Eyes On Rafah के बाद सोशल मीडिया पर आई पोस्टरों की बाढ़, वार पलटवार भी शुरू |… – भारत संपर्क

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All Eyes On Rafah के बाद सोशल मीडिया पर आई पोस्टरों की बाढ़, वार पलटवार भी शुरू |… – भारत संपर्क
All Eyes On Rafah के बाद सोशल मीडिया पर आई पोस्टरों की बाढ़, वार-पलटवार भी शुरू

राफा पोस्टर वॉर

All Eyes on Rafah ट्रेंड के पूरे सोशल मीडिया पर छा जाने के बाद इसके विरोध में भी लोग सामने आने लगे हैं. इस ट्रेंड का मकसद राफा में मानवीय संकट और फिलिस्तीनी बच्चों के ऊपर हो रहे इजराइली हमलों की ओर दुनिया का ध्यान खींचना था. वहीं इसके अलावा कई और पोस्टर सामने आ गए हैं, इनमें कुछ पोस्टर ऐसे हैं जो खुले तौर पर इजराइल के साथ खड़े हैं और 7 अक्टूबर के हमले को याद दिला रहे हैं.

एक खेमा ऐसा है जो All Eyes on Rafah की जगह ये कह रहा है कि दुनिया में किसी भी जगह हो रहे जुल्म पर नजर रखने की बात की जाए न कि सिर्फ राफा की. पोस्टर पर होने वाली ये बहस 26 मई 2020 में अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद ‘ब्लैक लाइव मैटर’ और ‘ऑल लाइव मैटर्स’ पर छिड़ी बहस की याद दिला रही है.

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अमेरिका में एक अश्वेत नागरिक की हत्या के बाद अमेरिका समेत पूरी दुनिया में ‘ब्लैक लाइव मेटर’ का स्लोगन गूंजने लगा था. जिसके बाद कुछ उदारवादी लोगों ने ‘ऑल लाइव मेटर्स’ का नारा दिया था. ये नारा खुद में एक विवाद से घिरा था और इस स्लोगन को जॉर्ज फ्लॉयड के लिए इंसाफ की मांग कर रहे लोगों ने ब्लैक अमेरिकन्स की लड़ाई को कमजोर करने वाला करार दिया था. अब कुछ राफा वाले पोस्टर के साथ भी ऐसा ही विवाद होता दिख रहा है.

राफा का जवाब ‘Where were your Eyes on 7 October’?

‘All Eyes on Rafah’ से नाराज इजराइल समर्थकों ने इसका काउंटर स्लोगन ‘where were your eyes on 7 october’ जारी किया है. इसके पोस्टर पर एक हमास के लड़ाके और इजराइली बच्चें को दिखाया गया है. इस पोस्टर को शेयर करने वाले लोगों का तर्क है कि दुनिया की आंखे तब कहां थीं, जब हमास के लड़ाकों ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमला कर 1200 लोगों की जान ले ली थी.

मानव अधिकारों का समर्थन करने वाले लोगों का कहना है कि 7 अक्टूबर की घटना से राफा में हो रहे नरसंहार को जस्टिफाई नहीं किया जा सकता. जहां पूरे गाजा में अब तक 36 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. UNICEF के डेटा के मुताबिक, मरने वालों में 13 हजार से ज्यादा बच्चे शामिल हैं.

सबके लिए आवाज उठाने वाला तीसरा पोस्टर!

इस पोस्टर वॉर में अब नया स्लोगन आ गया है. कुछ लोग राफा के साथ साथ कह रहे हैं कि All Eyes on Rafah, All Eyes on Pakistan, All Eyes on Kashmiri Pundit आदि यानी जहां कहीं भी जुल्म हो रहा है चाहे वो कम है या ज्यादा उस पर नजर रखी जानी चाहिए.

Rafah (2)

काउंटर स्लोगन

दोनों ही पोस्टर से नाराज हुए फिलिस्तीनी समर्थक

All Eyes on Rafah का समर्थन करने वाले लोग और शुरू से गाजा नरसंहार के लिए अवेयरनेस फैलाने वाले लोग ‘All Eyes on All Victims’ वाले पोस्टर ट्रेंड को गलत और फिलिस्तीन विरोधी बता रहे हैं. फिलॉसफी स्कॉलर शादान सिद्दीकी इस स्लोगन पर कहते हैं, “ये स्लोगन इस वक्त के सबसे जरूरी मुद्दे से ध्यान हटाकर पहले हुई घटनाओं के सहारे लोगों का ध्यान बांट रहा है. इस पैटर्न को फिलॉसफी में ‘Whataboutism’ और ‘Logical Fallacy’ कहते हैं. इसके तहत लोग किसी भी तर्क को दबाने के लिए उसके सामने दूसरा तर्क पेश करते हैं.

शादान कहते हैं कि अगर आपको कोई भी बुराई दूर करनी है तो आपको उस बुराई से सबसे ज्यादा प्रताड़ित तबके तक पहुंचना होगा, अगर आप उस तबके से उस बुराई, परेशानी को दूर करने में कामयाब हो जाते हैं तो उससे पहले आने वाले सभी प्रताड़ित वर्ग खुद उस परेशानी से बाहर आ जाएंगे. लेकिन ऐसे ट्रेंड सबसे कमजोर वर्ग की लड़ाई को ही कमजोर कर रहे होते हैं.

‘Baby Killer’ स्लोगन से एक और पोस्टर

हाल ही में एक और पोस्टर सोशल मीडिया में पर वायरल हो रहा है. जिसमें इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू को बच्चों का कातिल दिखाया गया है और इसके ऊपर ‘Baby Killer’ लिखा हुआ है.

All Eyes On Rafah तीसरे दिन भी हो रहा वायरल

All Eyes On Rafah स्लोगन सोशल मीडिया पर अब भी शेयर किया जा रहा है और इसको शेयर करने वालों की तादाद 50 मिलियन यानी 5 करोड़ के पार होने वाली है. इस ट्रेंड की शुरुआत राफा अटैक के बाद मंगलवार को मलेशिया के एक इंस्टा यूजर ‘shahv4012’ द्वारा की गई थी.

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