आखिर अंडरग्राउंड क्यों हैं खामेनेई, जंग की तैयारी या जान जाने का डर? क्या है… – भारत संपर्क

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आखिर अंडरग्राउंड क्यों हैं खामेनेई, जंग की तैयारी या जान जाने का डर? क्या है… – भारत संपर्क
आखिर अंडरग्राउंड क्यों हैं खामेनेई, जंग की तैयारी या जान जाने का डर? क्या है अमेरिका-इजराइल का प्लान?

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई.

युद्धविराम के बावजूद ना तो इजराइल की बेचैनी कम हुई है और ना ही अमेरिका की घबराहट. वजह ये है कि अभी तक दोनों ही उस शख्स तक नहीं पहुंच पाए हैं, जिसके आक्रामक तेवर की वजह से पूरा खेल ही पलट गया. वो शख्स हैं ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई. वो कहां है, किसी को कुछ नहीं पता. इजराइल और अमेरिका के सीक्रेट एजेंट, खामेनेई की लोकेशन जानने में जुटे हैं. जबकि युद्धविराम के बावजूद खामेनेई अभी तक बाहर नहीं आए हैं. कहीं ऐसा तो नहीं खामेनेई को डर है कि युद्धविराम एक झांसा है और इसकी आड़ में इजराइल-अमेरिका मिलकर खात्मा कर दें.

ईरान पर हमले रुक गए हैं लेकिन खतरा नहीं. विध्वंस थम गया है लेकिन तबाही कभी भी शुरू हो सकती है क्योंकि 3 किरदारों में कभी भी टकराव शुरू हो सकता है. पहले किरदार हैं बेंजामिन नेतन्याहू, जो ट्रंप का फरमान मानने पर मजबूर हैं लेकिन ईरान की तबाही का ब्लूप्रिंट बना चुके हैं. दूसरे किरदार हैं डोनाल्ड ट्रंप. वो युद्धविराम कराने का क्रेडिट ले रहे हैं लेकिन ईरान को धमकी दे चुके हैं कि अगर परमाणु प्रोग्राम फिर शुरू हुआ तो हमला होगा.

तीसरे किरदार हैं आतयतुल्लाह खामेनेई. ईरान के सुप्रीम लीडर युद्धविराम को ईरान की जीत बता रहे हैं. साथ ही ईरान को परमाणु शक्ति बनाना चाहते हैं. बेंजामिन और ट्रंप दोनों लगातार दिख भी रहे हैं. बयान भी दे रहे हैं. मीटिंग भी कर रहे हैं लेकिन खामेनेई का कुछ पता नहीं है. ऐसा कहा जा रहा है कि खामेनेई ने लगातार खुफिया जगह से जंग के फरमान दिए. लगातार इजराइल पर हमलों को कमांड किया. खामेनेई के निर्देश पर ही इजराइल और अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर हमले हुए.

13 जून के बाद से अंडरग्राउंड हैं खामेनेई

13 जून यानी 13 दिन पहले खामेनेई आखिरी बार दिखे थे. उसके बाद वो अंडरग्राउंड हो गए थे. 19 जून यानी 7 दिन पहले खामेनेई ने वीडियो मैसेज जारी किया था. कहा जा रहा है मैसेज प्री रिकॉर्डेड था. 24 जून यानी 2 दिन पहले खामेनेई ने टेक्सट मैसेज जारी किया था. युद्धविराम के बाद पहली प्रतिक्रिया थी. खामेनेई ये मैसेज खुद भेज रहे हैं. या कोई दूसरा भेज रहा है. इसको लेकर कोई तस्वीर साफ नहीं है.

इस बीच सवाल उठ रहा है, खामेनेई कहां हैं. खामेनेई की लोकेशन क्या है. खामेनेई सामने क्यों नहीं आते, क्या खामेनेई को घबराहट है कि कहीं उनके बाहर आते ही उन्हें मार ना दिया जाए. कहीं ऐसा तो नहीं कि युद्धविराम इसीलिए कराया गया हो कि खामेनेई जैसे ही बाहर आएं, उनका खात्मा करके ईरान में सत्तापरिवर्तन करा दिया जाए.

अब सबको तलाश है कि खामेनेई कहां छिपे हैं. सबको इंतजार है खामेनेई कब बाहर आते हैं क्योंकि खामेनेई के सामने आने के बाद ही तय हो पाएगा कि ईरान का अगला कदम क्या होगा. आखिर कहां गए खामेनेई? इसको लेकर लगातार कयास लग रहे हैं. 13 जून को आखिर बार खामेनेई सार्वजनिक रूप से देखे गए थे. उस वक्त वो तेहरान में थे.

बंकर से सेना को जारी कर रहे थे फरमान

कहा जा रहा है कि खामेनेई ने 13 जून को लोकेशन बदली थी. उसी दिन वो तेहरान से 24 किलोमीटर दूर नार्मक जा पहुंचे. वहां परिवार समेत बंकर में छिपे रहे. बताया जा रहा है कि नार्मक के बाद वो 316 किलोमीटर दूर लाहिजन में जा पहुंचे. जो अजोव सागर के पास ईरान का आखिरी शहर है. यहां भी वो बंकर से सेना को फरमान जारी कर रहे थे.

ऐसे भी खबरें हैं कि लाहिजन से अजोव सागर के रास्ते 890 किमी दूर रूस के शहर दागिस्तान सबमरीन से जा पहुंचे. बताया जा रहा है कि उनके साथ पूरा परिवार भी है. अब वहीं से सेना और दूसरे अधिकारियों के संपर्क में हैं. खामेनेई के विरोधियों को भी मौका मिल गया है कि वो खामेनेई को सत्ता से बेदखल करने का एजेंडा चला सकें. कई तरह के संदेश लोगों के बीच भिजवाए रहे हैं. खामेनेई को ईरान की इस दुर्दशा का विलेन साबित करने की तैयारी है.

खामेनेई के 5 बड़े संदेश

जैसे ही एजेंडा आगे बढ़ता वैसे ही खामेनेई का एक बार फिर से वीडियो संदेश सामने आ गया, जिसमें कई अहम बातें कहीं गई हैं. खामेनेई ने संदेश दिया है कि युद्धविराम करना इजराइल की हार है. दूसरा संदेश दिया है कि इजराइल खत्म हो जाता, इसलिए अमेरिका उसे बचाने के लिए आया. तीसरा संदेश दिया है कि अमेरिका के हमले में परमाणु ठिकानों को नुकसान नहीं हुआ है. चौथा संदेश है कि ये ईरान की सेना और ईरान के लोगों की जीत है. पांचवां संदेश दिया है कि अल उदैद बेस पर हमला करके हमने अमेरिका को जवाब दिया.

इसके अलावा आयतुल्लाह ने संदेश में कहा है, अगर फिर से ईरान की तरफ यहूदियों ने आंख उठाने की कोशिश की तो ईरान हर जवाब के लिए तैयार है. फिर चाहे सामने अमेरिका ही क्यों ना हो. खामेनेई के संदेश से कई तस्वीरें साफ हुई हैं कि ईरान ना झुका है ना ही आगे झुकने के लिए तैयार है. युद्धविराम अगर टूटता है तो ईरान फिर से मिसाइल स्ट्राइक कर सकता है. इस बीच सवाल है कि खामेनेई कब बाहर आएंगे, कब लोगों से मिलेंगे, क्या खामेनेई कभी सामने आकर इजराइल को ललकार पाएंगे, या हत्या के डर से बंकर से ही जोशीले संदेश भिजवाते रहेंगे?

अमेरिका और इजराइल को खामेनेई की तलाश क्यों है?

पहली वजह है- इजराइल खामेनेई को खत्म करना चाहता है. दूसरी वजह है- अमेरिका खामेनेई का शासन खत्म कराना चाहता है. तीसरी वजह- ट्रंप खामेनेई विरोधियों के हाथ में सत्ता सौंपना चाहते हैं. चौथी वजह- खामेनेई के पकड़े जाने के बिना ऑपरेशन अधूरा है. पांचवीं वजह- अमेरिका खामेनेई का खात्मा करके परमाणु कार्यक्रम ध्वस्त करेगा. सातवीं वजह- अमेरिका खामेनेई से परमाणु प्रोग्राम के राज़ उगलवाएगा और सातवीं वजह है खामेनेई के पकड़े जाते ही ईरानी सेना सरेंडर कर देगी.

ब्यूरो रिपोर्ट टीवी9 भारतवर्ष

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