दादा, माता-पिता और भाई के बाद अब 2 बहनें हुईं वैरागी… शिवपुरी के इस पूरे … – भारत संपर्क
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की कोलारस में रहने वाली दो बहनें ब्रह्मचारिणी रिया दीदी और गुंजन दीदी. रिया दीदी और गंजन दीदी ने पहले अपने दादाजी, माता-पिता और भाई को जैन संत बनते देखा और अब यह दोनों बहने भी मोक्षमार्ग पर आगे बढ गईं हैं. 15 नवंबर को दिल्ली में आचार्य विमर्श सागर महाराज से आर्यिका दीक्षा लेकर संयम पथ पर अग्रसर होंगी. खास बात यह है कि एक ही परिवार के 6 सदस्य जिन मार्ग पर आगे बढ़ने वाले हो गए और इससे पहले ऐसा उदाहरण समाधिस्थ आचार्य विद्यासागर महाराज के जीवन में देखने को मिला जिनका पूरा परिवार संसार से नाता तोड़कर विरागता की और बढ़ा.
दरअसल जिन 12 आर्यिका और 1 मुनि दीक्षा आचार्य विमर्शसागर महाराज के द्वारा होनी हैं. उन सब 13 दीक्षार्थियों का नगर आगमन शिवपुरी में हुआ. छत्री जैन मंदिर पर पहले सबकी गोद भराई का कार्यक्रम हुआ. उसके बाद नगर में धर्म साधकों की विनौली भी निकाली गई. जिसमें बडी संख्या में जैन समाज के लोगों के साथ विभिन्न स्थानों से आए साधकों और समाजजनों ने भागीदारी की. आरंभ में दीपप्रज्वजलन शिवपुरी विधायक देवेंद्र जैन, महामंत्री प्रकाश जैन, अशोक जैन, प्रेमचंद जैन, पंडित ऋषभ जैन, एन के जैन, जिला पंचायत के एडीशनल सीईओ एम के जैन, वाय के जैन, आनंद जैन और सूरज जैन द्वारा संयुक्त रुप से किया गया. कार्यक्रम का सफल संचालन संजीव बांझल द्वारा किया गया.
कैसे आया वैराग्य भाव?
रिया दीदी और गुंजन दीदी दोनों सगी बहनें हैं. रिया दीदी 25 साल की हैं और रिया ने हायर सेकेंड्री तक अध्ययन किया है. सिलाई कड़ाई में वह निपुण हैं जब भी शहर में किसी के यहां शादी होती थी तो मेंहदी लगाने वालों में सबसे अव्वल नाम रिया दीदी का आता था. जबकि गुंजन दीदी 29 साल की हैं, उन्होंने बीए तक पढ़ाई की है. वह जब अपने माता-पिता मुनि विश्वार्थ सागर, मां आर्यिका विनयांश्री, भाई मुनि विशुभ्र सागर और दादा मुनि विश्वांत सागर महाराज को जब 2016 में देवेंद्र नगर पन्ना में आचार्य विमर्श सागर महाराज से दीक्षा लेते देखा तो उनके मन में भी वैराग्य भाव आया और वह भी मोक्ष मार्ग की और बढ़ गईं. आर्यिका व्रत ग्रहण करने के बाद संसार और परिवार से नाता टूट जाता है इसलिए इसका अभ्यास इन दोनों बहिनों ने पहले घर पर किया और फिर ब्रह्मचर्य व्रत लेकर धर्मसाधना की अब वह मोक्ष मार्ग पर आगे बढ रही हैं.
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वहीं शिवपुरी शहर के किराना व्यवसायी परिवार से जुडी ब्रह्मचारिणी मित्रवती ने 2023 में सोनागिर में आचार्य विमर्श सागर महाराज से ब्रह्मचर्य व्रत ग्रहण किया. वह 68 की उम्र में आर्यिका दीक्षा लेंगी. इसकी प्रेरणा उन्हें उनकी बेटी से मिली. उनकी बेटी आर्यिका विक्रांत श्री हैं. अक्सर जब परिवार के सदस्यों के साथ माताजी के दर्शनार्थ वह जाती थीं, तो कहती थी कि धर्म कभी मत छोड़ना. जब तक हाथ पांव चल रहे हैं अपना जीवन धर्म मार्ग की साधना में आगे बढ़ा देना. यही वजह रही कि लगातार वह धर्म साधना से जुड़ी रहीं अब आत्मकल्याण करने वह मोक्ष मार्ग की साधना आर्यिका बनकर करेंगी.