गिरफ्तारी वारंट के बाद इजराइल पर आज आ सकता है इंटरनेशनल कोर्ट का फैसला, घिर सकते हैं… – भारत संपर्क


इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू
इजराइल के खिलाफ साउथ अफ्रीका द्वारा लाए गए केस में आज (शुक्रवार) UN की टॉप अदालत अपना फैसला सुना सकती है. साउथ अफ्रीका ने जंग के इमरजेंसी सॉल्यूशन के लिए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में याचिका दायर की है, ताकि इजराइल को राफा सहित गाजा पट्टी में सैन्य ऑपरेशन से रोका जा सके. इसके अलावा हाल ही में ICC (International Criminal Court) के चीफ प्रॉसिक्यूटर करीम खान ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की है. अगर आज ICJ का फैसला भी इजराइल के खिलाफ आता है, तो ये उसके ऊपर बन रहे दबाव को और मजबूत करेगा.
पिछले हफ्ते सऊथ अफ्रीका ने इजराइल के राफा ऑपरेशन पर कहा था कि गाजा के आखिरी शहर में पहुंचने के बाद जंग ने एक भयानक रूप ले लिया है और गाजा में जो हो रहा है, वे नरसंहार है और इसको रोकने के लिए ICC से आदेश जारी करने की मांग की थी. आज ICC इस पर फैसला सुना सकता है.
ICJ के फैसले का बाद क्या असर पड़ेगा?
ICJ दुनिया भर के विवादों को निपटाने के लिए अपना आदेश जारी करता है. ये दुनिया की सबसे बड़ी कोर्ट भी कहलाती है. लेकिन ICJ के पास अपने आदेश का पालन कराने के लिए कोई ताकत नहीं है. रूस यूक्रेन जंग में भी ICJ ने आदेश दिए थे कि रूस यूक्रेन पर अपना आक्रमण रोके, लेकिन वे इसका पालन कराने में नाकाम रहा. इतना तो तय है कि ICJ के फैसले के बाद इजराइल के ऊपर पहले से ज्यादा दबाव बनेगा.
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पिछली सुनवाई में क्या हुआ?
दक्षिण अफ़्रीका के वकील वॉन लोव ने तर्क दिया है कि राफा में ऑपरेशन गाजा के विनाश में अंतिम कदम है. वॉन लोव ने कहा कि गाजा जंग दक्षिण अफ्रीका को कोर्ट तक लेकर आई है, लेकिन एक राष्ट्रीय, जातीय और नस्लीय हिंसा से सभी फिलिस्तीनियों को सुरक्षा की जरूरत है. जिसका आदेश अदालत दे सकती है. इजराइल के वकील गिलाद नोआम ने दक्षिण अफ्रीका की याचिका की आलोचना करते हुए कहा था, “यह सच्चाई से परे है, इस आरोप ने 1948 के संयुक्त राष्ट्र नरसंहार कन्वेंशन का मजाक बना दिया है, किसी चीज़ को बार-बार नरसंहार कहने से वह नरसंहार नहीं हो जाएगा. किसी झूठ को बार-बार दोहराने से वह सच नहीं हो जाएगा.”