देश के बाद विदेशों में पैर पसार रहा अडानी का पोर्ट कारोबार,…- भारत संपर्क

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देश के बाद विदेशों में पैर पसार रहा अडानी का पोर्ट कारोबार,…- भारत संपर्क
देश के बाद विदेशों में पैर पसार रहा अडानी का पोर्ट कारोबार, ग्लोबल लेबल पर बढ़ रही हिस्सेदारी

तेजी से फैल रहा है अडानी का पोर्ट कारोबार, भारत को ऐसे मिलेगा फायदा

भारत के दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी दुनियाभर में अपने कारोबार के जरिए पैर पसारने की तैयारी कर रहे हैं. अडानी ग्रुप का जोर अब विदेशों में अपना कारोबार बढ़ाने पर है. अडानी ग्रुप का पोर्ट का बिजनेस तेजी से फ़ैल रहा है. भारत के अलावा कई देशों में उनका पोर्ट का कारोबार है. ऐसे में ग्रुप की नजर अब तीन विदेशी पोर्ट्स पर है और इसके लिए उन्होंने बड़ा निवेश प्लान तैयार किया है.

जानकारी के मुताबिक, अडानी ग्रुप अपनी पोर्ट कैपेसिटी को बढ़ाना चाहता है. अभी उसकी कंटेनर हैंडलिंग कैपेसिटी सालाना करीब 600 मिलियन मीट्रिक टन है. इसमें करीब 420 मिलियन मीट्रिक टन डोमेस्टिक कैपेसिटी है. ग्रुप का प्लान 2 साल में अपनी कैपेसिटी को बढ़ा कर 800 मीट्रिक टन करने का है.

इंटरनेशनल पोर्ट में हिस्सेदारी

APSEZ देश की सबसे बड़ी प्राइवेट पोर्ट ऑपरेटर है. उसके पास 15 पोर्ट्स और टर्मिनल हैं. ग्रुप की योजना अगले दो साल में अपनी पोर्ट कैपेसिटी को बढ़ाकर 800 मिलियन मीट्रिक टन करने की है. इसके लिए उसने विदेशों में कई पोर्ट को खरीदने की प्लानिंग की है. ग्रुप की नजर पोर्ट रेवेन्यू बढ़ाने पर है. इसके लिए उसकी योजना अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अपना बिजनेस बढ़ाने की है जिस पर अभी चीन का दबदबा है. अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन के रेवेन्यू में इंटरनेशनल पोर्ट्स की हिस्सेदारी अभी 10 फीसदी है जिसे अगले तीन साल में 20 से 25 फीसदी पहुंचाने का लक्ष्य है.

भारत को होगा फायदा

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) भारत के सबसे बड़े पोर्ट ऑपरेटर हैं. वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का मुनाफ़ा 50% बढ़कर 8,104 करोड़ रुपये हो गया है. कंपनी ने देश के कुल कार्गो का 27% और कंटेनर कार्गो का 44% संभाला है. वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में कंपनी का परिचालन से राजस्व 6,896.50 करोड़ रुपये रहा, जो साल-दर-साल 19% बढ़ा है.फाइनेंशियल ईयर 2025 में अडानी पोर्ट्स का रेवेन्यू 30,000 से 31,000 करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है.

APSEZ की योजना तीन बड़े पोर्ट्स को खरीदने की है. इसके लिए उसने तीन अरब डॉलर का कैश चेस्ट बनाया है. अभी कंपनी के पास इजरायल, श्रीलंका, इंडोनेशिया, तंजानिया और ऑस्ट्रेलिया में पोर्ट्स हैं. साथ ही उसने वियतनाम, मलेशिया और फिलीपींस में भी पोर्ट से जुड़ी गतिविधियों में मदद के लिए एग्रीमेंट्स किए हैं.

बेटे के पास है पोर्ट का बिजनेस

गौतम अडानी के बेटे करण अडानी साल 2017 से अडानी पोर्ट को संभाल रहे है. इसके अलावा अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी लिमिडेट की जिम्मेदारी करण संभालते है. कंपनी में वो निदेशक है. एसीसी लिमिटेड में वो चेयरमैन पद पर नामित है. वहीं अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड के सीईओ करण हैं.

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