उत्तराखंड के बाद अब हरियाणा में श्रीमद्भगवत गीता हुई अनिवार्य, स्कूली बच्चे…

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उत्तराखंड के बाद अब हरियाणा में श्रीमद्भगवत गीता हुई अनिवार्य, स्कूली बच्चे…
उत्तराखंड के बाद अब हरियाणा में श्रीमद्भगवत गीता हुई अनिवार्य, स्कूली बच्चे रोजाना श्लोकों का पाठ करेंगे

प्रार्थना सभा में श्रीमद्भगवत गीता के श्लोकों को होगा पाठ

हरियाणा में भी स्कूली बच्चों के लिए श्रीमद्भगवत गीता अनिवार्य होगी. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने इस संबंध में राज्य के सभी स्कूलों के लिए निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत अब हरियाणा के सभी स्कूलों में सुबह प्रार्थना सभा की शुरुआत श्रीमद्भवत गीता के एक श्लोक के पाठ से होगी. बोर्ड ने कहा है कि स्कूली छात्रों में आध्यात्मिक और नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ये फैसला लिया है. इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने भी इसी तरह का फैसला लिया था, जिसमें राज्य के सभी सरकारी स्कूलों की प्रार्थना सभा में छात्रों को रोजाना गीता का एक श्लोक अर्थ सहित सुनाया जाएगा.

हरियाणा में श्लोक पाठ की हुई शुरुआत

हरियाणा के स्कूलों में बच्चों के लिए श्रीमद्भगवत गीता के श्लोक पाठ को अनिवार्य किए जाने की शुरुआत गुरुवार से हो गई है. गुरुवार को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ पवन कुमार ने भिवानी स्थित बोर्ड परिसर स्थित सर्वपल्ली राधाकृष्णन लैब स्कूल से इसकी औपचारिक शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सुबह की प्रार्थना में श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों का पाठ अब राज्य के सभी स्कूलों में लागू कर दिया गया है.

बोर्ड के अध्यक्ष पवन कुमार ने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य श्रीमद्भगवत गीता के आध्यात्मिक और दार्शनिक ज्ञान को समझना और उसे अपने प्रयोग में लाने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करना है. उन्होंने कहा कि बच्च देश का भविष्य होते हैं. इन बच्चों के माध्यम से हम ऐसी जनरेशन तैयार करवान चाहते हैं, जो आदर्श मूल्यों को अपनाते हुए भारत को विश्वगुरु बनाने में सहयोग करे.

उत्तराखंड में भी इसी तरह की शुरुआत

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में बीते दिनों से ऐसी ही शुरुआत की गई है, जिसके तहतराज्य के सरकारी स्कूलों की प्रार्थना सभा में छात्रों को रोजाना गीता का एक श्लोक अर्थ सहित सुनाया जाएगा. इसके साथ ही शिक्षकों को हर हफ्ते गीता के एक श्लोक को सप्ताह का श्लोक घोषित कर उसे सूचना पट पर अर्थ सहित लिखे जाने को कहा गया है, जिसका छात्र अभ्यास करेंगे और सप्ताह के अंत में उस पर चर्चा कर उसका फीडबैक भी लिया जाएगा.

आदेश में शिक्षकों को समय-समय पर श्लोकों की व्याख्या करने और छात्रों को इस बात की जानकारी देने को कहा गया है कि श्रीमद् भगवद्गीता के सिद्धांत किस प्रकार मानवीय मूल्य, व्यवहार, नेतृत्व कौशल, निर्णय क्षमता, भावनात्मक संतुलन और वैज्ञानिक सोच विकसित करते हैं.

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