चीन में पुतिन शी जिनपिंग की मुलाकात से अमेरिका हुआ लाल, जानें क्या बोला | US reaction… – भारत संपर्क


पुतिन और शी जिनपिंग.Image Credit source: AFP
चीन में पुतिन और शी जिनपिंग की मुलाकात पर अमेरिका की प्रतिक्रिया सामने आई है. अमेरिका ने पुतिन और शी जिनपिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक-दूसरे को गले लगाया? यह उनके लिए अच्छा है’. बता दें कि रूस के राष्ट्रपति के रूप में दोबारा चुने जाने के बाद पुतिन अपनी पहली विदेश यात्रा पर रुवार को चीन पहुंचे थे. अपनी मुलाकात के दौरान पुतिन और जिनपिंग ने दोनों देशों के बीच बढ़ती दोस्ती का प्रदर्शन करते हुए एक-दूसरे को गले लगाया था.
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी से जब दो अमेरिकी विरोधियों को गले लगाते हुए दिखाने वाली तस्वीरों के महत्व के बारे में पूछा गया तो उन्होंने एक ब्रीफिंग में कहा, “आलिंगन का आदान-प्रदान हुआ? खैर, यह उनके लिए अच्छा है.”
किर्बी ने कहा, “मैं एक या दूसरे तरीके से व्यक्तिगत मानवीय शारीरिक स्नेह के बारे में बात करने में अच्छा नहीं हूं. मुझे लगता है कि मैं इसे इन दो सज्जनों पर छोड़ दूंगा कि वे इस बारे में बात करें कि उन्होंने एक-दूसरे को गले लगाना क्यों अच्छा समझा.”
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बैठक पर जानें क्या बोला अमेरिका
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता किर्बी ने आगे कहा कि पुतिन और जिनपिंग के बीच बैठक के नतीजों से संयुक्त राज्य अमेरिका आश्चर्यचकित नहीं है. किर्बी ने कहा, “हमने इस बैठक में ऐसा कुछ भी नहीं देखा जिससे हमें आश्चर्य हुआ हो.”
उन्होंने कहा, “मैं यह कहने की हद तक नहीं जाऊंगा कि हम इस रिश्ते को लेकर चिंतित नहीं थे और यह कहां जा रहा है. हम देख रहे हैं.”
रूस के राष्ट्रपति के रूप में दोबारा चुने जाने के बाद पुतिन अपनी पहली विदेश यात्रा पर चीन पहुंचे थे. पुतिन की यात्रा अमेरिका के इन आरोपों के बीच हुई है कि चीनी कंपनियां यूक्रेन में युद्ध के बीच प्रौद्योगिकी के साथ रूस की सहायता कर रही हैं.
पुतिन ने चीन का जताया था आभार
यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध के बीच चीन परोक्ष रूप से रूस के समर्थन में खड़ा हो गया है. रूस और चीन के बीच आर्थिक संबंध भी बढ़ रहे हैं. अपनी चीन यात्रा के दौरान पुतिन ने देश के समर्थन की सराहना की थी.
इस बीच, ताइवान ने सार्वजनिक रूप से दावा किया है कि चीन और रूस एक-दूसरे के विस्तारवाद का समर्थन करते हैं. ताइवान को अपने क्षेत्र में बढ़ती चीनी निगरानी और हस्तक्षेप का सामना करना पड़ रहा है.