अमेरिका की आपदा बनेगी भारत के लिए अवसर? दवाई कंपनियों के हाथ लगा बड़ा मौका | america… – भारत संपर्क

0
अमेरिका की आपदा बनेगी भारत के लिए अवसर? दवाई कंपनियों के हाथ लगा बड़ा मौका | america… – भारत संपर्क
अमेरिका की आपदा बनेगी भारत के लिए अवसर? दवाई कंपनियों के हाथ लगा बड़ा मौका

अमेरिका में दवाओं की कमी

दुनिया का सबसे बड़ा दवा बाजार अमेरिका इस समय दवाओं की भारी किल्लत से जूझ रहा है. स्तन कैंसर से लेकर ब्लैडर और ओवरी कैंसर के कीमोथेरेपी में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की कमी हो चुकी है. हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है इससे भारतीय दवा कंपनियों को फायदा हो सकता है. मुंबई स्थित इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा है कि भारतीय दवा निर्माता अमेरिका में दवा की कमी की वजह से वित्तीय वर्ष 2025 में अपने राजस्व में सुधार बनाए रखेंगे.

भारत में जेनेरिक दवाओं का बड़े स्तर पर निर्माण होता है. कई बड़े ड्रगमेकर्स जैसे डॉ. रेड्डीज, सिपला, सन फार्मा देश के बाहर और अमेरिका, यूरोप में अच्छी खासी कमाई करते हैं. अमेरिका अपनी अधिकांश दवाइयां भी भारत से ही आयात करता है. भारतीय कंपनियों को अमेरिका की कुछ दिवालिया हो चुकीं जेनरिक कंपनियों के मैदान से बाहर निकलने का मौका मिलेगा भारत नए उत्पादों को लॉन्च करके व्यापार को बढ़ा भी सकता है

अमेरिका में कैसी है स्थिति?

अमेरिका में दवाइयों की किल्लत राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बन गया है. आईआईएफएल सिक्योरिटीज ने कहा कि अमेरिकन सोसाइटी ऑफ हेल्थ-सिस्टम फार्मासिस्ट के आंकड़ों के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2023 में 300-310 दवाओं की कीमतें स्थिर होने के बाद, CY24 की पहली तिमाही में 323 दवाओं तक अमेरिका में सक्रिय दवा की कमी और बढ़ गई है. अप्रैल तक 22 चिकित्सीय श्रेणियों में 233 दवाओं की कमी है. अमेरिका अपनी स्पालाई चेन की भी जांच कर रहा है.

ये भी पढ़ें

किस वजह से हुई ये हालत

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोविड लॉकडाउन के समय सीजनल बीमारियों को ठीक करने के लिए दवाओं की मांग एनुअल एवरेज से ज्यादा हो गई थी. फार्मा कंपनियों पर इस मांग को पूरा करने का दबाव बढ़ता गया. उपर से रूस-यूक्रेन संकट की वजह से स्पलाई चेन प्रभावित हुआ. इससे जेनेरिक दवा निर्माताओं पर भारी असर पड़ा. इसके अलावा जब दवाओं की कमी की घोषणा हुई तो लोगों ने पहले से ही दवा का स्टॉक भर कर घर पर रख लिए.

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा कि बढ़ती नियामक लागत के कारण कई अमेरिकी बेस्ड जेनेरिक फार्मा निर्माताओं ने कुछ दवाओं का प्रोडक्शन रोक दिया है. उपर से नई दवाओं के लिए आवेदन दाखिल करने का प्रॉसेस भी काफी जटिल हो चुका है. कहा जा रहा है कि भारतीय कंपनियां स्पलाई चेन का विस्तार करके और चिकित्सीय श्रेणियों में भागीदारी बढ़ाकर इस गैप को भर सकती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand Board 12th Result 2025 Live Updates: लाखों छात्रों का इंतजार खत्म,…| Elon Musk ने किस से पूछा मेरे बच्चों की मां बनोगी, क्या एक बार फिर बाप बनना… – भारत संपर्क| श्रेयस अय्यर की इस एक बात से ‘खूंखार’ हो गए युजवेंद्र चहल, RCB के लिए बने क… – भारत संपर्क| सुशासन तिहार 2025 : सुशासन तिहार में श्रीमती भारती देवांगन को मिला तत्काल श्रमिक कार्ड – भारत संपर्क न्यूज़ …| राहुल की हो गई अपना देवी… अलीगढ़ के सास और दामाद अब रहेंगे साथ-साथ, पुलिस… – भारत संपर्क