Amethi Lok Sabha Election 2024: महंगाई, बेरोजगारी और मंदिर… अमेठी की इस ल… – भारत संपर्क
अमेठी की रहने वाली आकांक्षा सिंह से टीवी9 ने की बातचीत.
रायबरेली लोकसभा सीट से ही सटी एक अमेठी लोकसभा सीट है. कभी इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा हुआ करता था और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी यहां से सांसद बनते थे, लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के इस किले पर बीजेपी ने बड़ी सेंधमारी की. स्मृति ईरानी ने यहां से राहुल गांधी को हरा दिया और खुद अमेठी से सांसद बनीं. पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद स्मृति ईरानी दोबारा से अमेठी से चुनावी मैदान में हैं, जबकि इस बार राहुल गांधी की जगह गांधी परिवार के विश्वास पात्र केएल शर्मा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
इसी कड़ी में टीवी9 भारतवर्ष की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर अमेठी के लोगों से चुनावी चर्चा की. इस दौरान लोगों ने अमेठी में स्मृति ईरानी के पांच और राहुल गांधी 15 सालों कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों पर चर्चा की. वहीं बीजेपी और कांग्रेस की नीतियों पर अपनी राय रखी. चुनावी चर्चा के बीच रात के समय टीवी0 भारतवर्ष की टीम बन्ना टीका गांव में पहुंची, जहां लोगों से बातचीत के दौरान 19 वर्षीय आकांक्षा सिंह से भी मुलाकात हुई. विभिन्न चुनावी मुद्दों पर आकांक्षा सिंह ने बेबाकी से अपनी बात रखी.
आकांक्षा सिंह ने बताया कि वह अमेठी लोकसभा की वोटर हैं. पिछली बार उन्होंने कैंडिडेट को देखकर वोट दिया था. इस बार भी वोट देना है, लेकिन अगर कैंडिडेट उस तरह के नहीं मिले तो वह अपना वेस्ट कर देंगी. आकांक्षा सिंह ने कहा कि वह किसी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन लोग जितना बोलते चेल जा रहे हैं, किसी एक कैंडिटेट को लेकर, किसी एक पॉलिटिकल लीडर को लेकर. ये ठीक नहीं है. हम आम जनता हैं, हमें बोलने का अधिकार है, लेकिन ये कहना ठीक नहीं है कि पप्पू है, ये नहीं करता, वो नहीं करता इत्यादि.
देश को लेकर कांग्रेस पार्टी के आडियाज पसंद
आकांक्षा सिंह ने कहा कि उन्हें कांग्रेस पार्टी के आडियाज पसंद हैं. राहुल गांधी आज की समस्या को देखते हुए अपने भाषण में जो भी मुद्दे उठाते हैं. जैसे- बेरोजगारी, इलेक्टोरल बॉन्ड, महंगाई दर इत्यादि. वहीं दूसरी तरह पीएम मोदी सिर्फ राम मंदिर का रट लगाए हुए हैं. उनको लगता है कि आज वह हिंदू राष्ट्र कर देंगे तो सब सही हो जाएगा. कल को अगर जातिवाद आ गया तो वह जातिवाद के नाम पर वोट लेने लग जाएंगे. आकांक्षा सिंह ने कहा कि पीएम मोदी का अपना कोई स्टैंड नहीं है. देश को ग्रोध की तरफ ले जाने वाले फैक्टर पर वह ध्यान नहीं देते हैं. वो एक ऐसे फैक्टर देश को ले जाते हैं, जिससे पूरी पब्लिश अट्रैक्ट है. ये ठीक नहीं है.
एक गांव में कांग्रेस के 2 कार्यकर्ता, कितना बोल पाएंगे
आकांक्षा सिंह ने कहा कि आज लोग कहते हैं कि गांव में कांग्रेस के कार्यकर्ता नहीं हैं. ये भी बात सही है. कार्यकर्ता हों भी कैसे, अगर 50 कार्यकर्ता हैं तो उसमें से 48 बीजेपी के हैं. सिर्फ दो कांग्रेस के हैं. ये दो कार्यकर्ता कहां तक बोल पाएंगे. आकांक्षा सिंह ने कहा कि लेकिन आने वाली जो जनरेशन होगी, जो एजुकेटेड लोग हैं, वह सिर्फ ग्रोध वाली सरकार को ही पसंद करेंगे. इसी बीच आकांक्षा सिंह को रोकते हुए एक युवक ने कहा कि देश में इस समय ग्रोध वाली सरकार चल रही है. अमेठी से रायबरेली जाने वाली सड़कों पर पहले गड्ढे हुआ करते थे, लेकिन अब नहीं हैं.
बन्ना टीका गांव से शुरू हुआ था स्मृति ईरानी का चुनाव प्रचार
युवक ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने इस पर कभी ध्यान ही नहीं दिया. राहुल गांधी सांसद रहते हुए कभी बन्ना टीका गांव आए नहीं, जबकि स्मृति ईरानी ने 2019 में यहीं से अपने चुनावी प्रचार अभियान की शुरुआत की थी. स्मृति ईरानी यहां से गांवों में घूमी हैं. एक-एक घर में गई हैं, जबकि जब राहुल आते थे तो सिर्फ गौरीगंज से ही लौट जाते थे. उनकी गाड़ियों का काफिला कभी गांव में आया ही नहीं. इसी बीच युवक की बात पर आकांक्षा सिंह ने कहा कि आपने बन्ना टीका गांव में राहुल गांधी को आने का मौका कब दिया. कभी उन्हें यहां पर बुलाया गया. पहले जितना अमेठी राहुल गांधी के लिए एकदम डटकर खड़ा रहता था, उस तरह अब नहीं है. अब उस तरह लोग बीजेपी के लिए खड़े होते हैं.
लोगों को राहुल गांधी को भी मौका देना चाहिए
जब आकांक्षा सिंह से पूछा गया क्या कारण रहा कि अमेठी के लोग राहुल से किनारा कर लिए, इस पर आकांक्षा सिंह ने कहा कि पहले राहुल गांधी का ध्यान दक्षिण भारत के राज्यों पर ज्यादा रहता था, लेकिन अब वह अपनी लोकसभा के साथ-साथ उत्तर भारत के राज्यों पर भी ध्यान दे रहे हैं. इस वजह से मुझे लगता है कि हमें उन्हें भी मौका देना चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि उन्हें स्मृति ईरानी कैसी लगती हैं तो उन्होंने कहा कि स्मृति ईरानी उनकी पसंद की नेता नहीं हैं.