देश से फरार अपराधियों पर कसेगी नकेल, अमित शाह ने की भगोड़ों पर गैरहाजिरी मे… – भारत संपर्क

0
देश से फरार अपराधियों पर कसेगी नकेल, अमित शाह ने की भगोड़ों पर गैरहाजिरी मे… – भारत संपर्क

केंद्रीय गृहमंत्री अम‍ित शाह (फाइल फोटो)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में भगोड़ों के खिलाफ गैरहाजिरी में मुकदमा चलाने की वकालत की है.उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में लंबे समय से देश से फरार चल रहे भगोड़ों के खिलाफ उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया जाना चाहिए. अमित शाह ने यह बात दिल्ली में मध्य प्रदेश द्वारा 3 नए आपराधिक कानूनों को लागू करने को लेकर आयोजित बैठक में की.
अमित शाह ने मध्य प्रदेश सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ समीक्षा बैठक में वंचितों को न्याय दिलाने के लिए एक मजबूत कानूनी सहायता प्रणाली की आवश्यकता पर भी जोर दिया. साथ ही इस उद्देश्य के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करने के महत्व पर बल दिया. उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए उचित कानूनी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है.
इन कानूनों के तहत 3 साल के न्याय मिलेगा- शाह
गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में लंबे समय से देश से फरार चल रहे भगोड़ों के खिलाफ उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया जाना चाहिए. साथ ही उल्लेख किया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) में ऐसे भगोड़े अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अनुपस्थिति में मुकदमे का प्रावधान शामिल है. उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि अंतर-संचालनीय आपराधिक न्याय प्रणाली (आईसीजेएस) के तहत आवंटित धन का उपयोग सख्ती से किया जाए.
उन्होंने चर्चा के दौरान ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों का सार प्राथमिकी दर्ज होने से लेकर सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने तक तीन साल के भीतर न्याय प्रदान करना है. पिछले साल एक जुलाई को लागू हुए तीनों कानूनों- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने औपनिवेशिक भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली.
‘जीरो एफआईआर की निगरानी पर जोर’
गृह मंत्री ने नए आपराधिक कानूनों को लागू करने में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अब तक किए गए प्रयासों की सराहना की. साथ ही राज्य में जल्द से जल्द उनके 100 प्रतिशत कार्यान्वयन की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने उल्लेख किया कि आतंकवाद और संगठित अपराध से संबंधित धाराओं के तहत मामले दर्ज करने से पहले, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को यह मूल्यांकन करना चाहिए कि क्या मामला उन धाराओं के लागू करने योग्य है.
ये भी पढ़ें- बॉर्डर फेंसिंग को लेकर भारत-बांग्लादेश के बीच विवाद पर MEA की दो टूक, कही ये बात
उन्होंने जोर दिया कि इन कानूनी प्रावधानों का कोई भी दुरुपयोग नए आपराधिक कानूनों की शुचिता को कमजोर करेगा. शाह ने ‘जीरो एफआईआर’ को नियमित प्राथमिकी में बदलने पर निरंतर निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम के माध्यम से दो राज्यों के बीच प्राथमिकियों के हस्तांतरण को सक्षम बनाने के लिए एक प्रणाली स्थापित करने का भी सुझाव दिया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

मुंबई की जिस सोसाइटी में है सैफ अली खान का घर, वहां सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं? – भारत संपर्क| देश से फरार अपराधियों पर कसेगी नकेल, अमित शाह ने की भगोड़ों पर गैरहाजिरी मे… – भारत संपर्क| Vinod Kambli Birthday: करियर की पहली बॉल पर सिक्स, आते ही शतकों की झड़ी, इन… – भारत संपर्क| *छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन का वार्षिक कैलेंडर 2025 का हुआ विमोचन, अजजा…- भारत संपर्क| ये है शादी तुड़वाने वाला… दूल्हे से मिल बोला कुछ ऐसा कि टूट गया लड़की का … – भारत संपर्क