श्री ब्रह्मा बाबा मंदिर में मनाया गया अन्नकूट उत्सव, गोवर्धन…- भारत संपर्क

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श्री ब्रह्मा बाबा मंदिर में मनाया गया अन्नकूट उत्सव, गोवर्धन…- भारत संपर्क

2 दिन दीपोत्सव मनाने के बाद शनिवार को गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना करते हुए अन्नकूट का पर्व मनाया गया। बिलासपुर में वेंकटेश मंदिर , श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, सीताराम मंदिर, गौ सेवा धाम, शीतला मंदिर समेत कई स्थानों पर अन्नकूट उत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर तोरवा स्थित ब्रह्मा बाबा मंदिर में भी गोवर्धन अन्नकूट पूजा और भोग भंडारे का आयोजन किया गया।

सनातन परंपराओं में हर उस सजीव और निर्जीव की पूजा की जाती है जो जीव जगत के लिए उपयोगी है। चाहे वह पशु पक्षी हो, नदी हो, पेड़ पौधे या पर्वत हो। दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। जिसे अन्नकूट का पर्व भी कहते हैं। इसके पीछे द्वापर युग की कथा प्रचलित है , जो भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी हुई है। वर्षा के देवता इंद्र को अपनी शक्तियों का अहंकार हो गया था। जिसके मर्दन के लिए भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र की जगह प्रकृति स्वरूप गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना करने का निर्देश दिया।

इससे रुष्ट होकर इंद्रदेव ने मूसलाधार बारिश करवा दी। लगातार 7 दिनों तक बारिश होती रही। बृजवासियों की रक्षा करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया, जिसकी छांव में सभी बृजवासी, गोप गोपीकाएं , गाय सुरक्षित रही। अंततः इंद्रदेव को अपनी हार स्वीकार करनी पड़ी और उन्होंने भगवान श्री कृष्ण से क्षमा याचना की।

सातवें दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। इस दिन गाय बैल की भी पूजा की जाती है। उन्हें गुड़ और चावल खिलाया जाता है। गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर छप्पन भोग अर्पित करते हुए पूजा अर्चना की जाती है। अन्नकूट अन्न के उस पहाड़ को कहते हैं , जिसमें चावल, दाल सब्जी और अन्य 56 प्रकार के व्यंजन सम्मिलित होते हैं। भगवान श्री कृष्ण को दिन में आठ पहर के हिसाब से प्रत्येक पहर में सात प्रकार के व्यंजन अर्पित किए जाते हैं। कहते हैं जब भगवान श्री कृष्णा 7 दिनों तक गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा रखा था तो 7 दिन के हिसाब से आठ प्रकार के व्यंजन सम्मिलित करते हुए अंतिम दिन उन्हें 56 प्रकार के व्यंजन परोसे गए थे। इस परंपरा का पालन अन्नकूट उत्सव में किया जाता है।

शनिवार को तोरवा हेमू नगर स्थित श्री ब्रह्मा बाबा मंदिर में भी परंपरा अनुसार गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव मनाया गया। गोबर से भगवान कृष्ण की आकृति तैयार की गई ।श्री श्री 1008 प्रेम दास जी महाराज और राधेश्याम महाराज द्वारा विशेष पूजा अर्चना की गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए। आरती और परिक्रमा में बड़ी संख्या में भक्ति सम्मिलित हुए

इस अवसर पर प्रकृति स्वरूप गोवर्धन पर्वत की पूजा की गई। आश्रम के गायों की पूजा अर्चना कर उन्हें मिष्ठान खिलाया गया। भगवान को 56 प्रकार के भोग लगाए गए। अन्नकूट पूजा के पश्चात यहां भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सम्मिलित होकर सैकड़ो भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। आपको बता दे कि श्री ब्रह्मा बाबा मंदिर में वर्ष भर में सभी प्रमुख धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। आदिकाल से स्थापित इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है। यहां आयोजित अनुष्ठानों में सम्मिलित होने भक्त इसीलिए दूर-दूर से पहुंचते हैं।

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