CBSE Board Result 2025: वेबसाइट के अलावा कहां-कहां चेक कर सकते हैं सीबीएसई बोर्ड…


कैसे चेक करें CBSE बोर्ड रिजल्ट?Image Credit source: Getty Images
सीबीएसई बोर्ड 10वीं की परीक्षाएं तो खत्म हो ही चुकी हैं और अब 12वीं की परीक्षाएं खत्म होने की बारी है. साइकोलॉजी पेपर के साथ 4 अप्रैल को सीबीएसई 12वीं बोर्ड की भी परीक्षाएं भी खत्म हो जाएंगी और उसके बाद छात्रों को सिर्फ इन बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट का इंतजार रहेगा. माना जा रहा है कि सीबीएसई 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट की घोषणा मई महीने में हो सकती है. जब रिजल्ट जारी हो जाए तो छात्र उसे सीबीएसई की ऑफिशियल वेबसाइट्स cbseresults.nic.in और results.cbse.nic.in पर जाकर चेक कर सकते हैं. रिजल्ट चेक करने के इसके अलावा भी कई ऑप्शन हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में.
छात्र डिजिलॉकर और उमंग ऐप से भी अपना रिजल्ट देख सकते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर साल की तरह सीबीएसई इस साल भी 10वीं और 12वीं के बोर्ड टॉपर्स की लिस्ट जारी नहीं करेगा. हालांकि जो छात्र अपने मार्क्स से संतुष्ट नहीं होंगे, वो री-चेकिंग करा सकते हैं. इसके अलावा अगर कोई छात्र एक या दो विषय में फेल हो जाता है तो उसे कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा.
वेबसाइट पर कैसे देख सकते हैं रिजल्ट?
- सबसे पहले सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर जाना होगा.
- फिर होमपेज पर 10वीं या 12वीं रिजल्ट 2025 लिंक पर क्लिक करना होगा.
- उसके बाद अपना रोल नंबर, रोल कोड या एडमिट कार्ड आईडी दर्ज करना होगा.
- अब आपका रिजल्ट आपकी स्क्रीन पर दिख जाएगा.
- रिजल्ट चेक करने के बाद उसका प्रिंटआउट जरूर निकाल लें और उसे सुरक्षित रख लें.
डिजिलॉकर से कैसे देख सकते हैं रिजल्ट?
- सबसे पहले digilocker.gov.in वेबसाइट या डिजिलॉकर ऐप खोलें.
- फिर साइन इन करें/अपना अकाउंट बनाएं.
- उसके बाद होमपेज पर सीबीएसई 10वीं-12वीं रिजल्ट देखें.
- अब अपनी डिटेल्स दर्ज करें और मार्कशीट चेक करें.
पिछले 5 साल में कब-कब जारी हुए 10वीं के रिजल्ट?
- 2020- 15 जुलाई
- 2021- 3 अगस्त
- 2022- 22 जुलाई
- 2023- 12 मई
- 2024- 13 मई
2024 में कैसा था रिजल्ट?
पिछले साल सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा में कुल 93.60 प्रतिशत छात्र पास हुए थे, जबकि 12वीं में 87.98 प्रतिशत छात्र पास हुए थे. दोनों ही बोर्ड परीक्षाओं में पास होने के मामले में लड़कियों ने ही बाजी मारी थी यानी लड़कों की तुलना में लड़कियां ज्यादा पास हुई थीं.