पश्चिमी देश जिस समस्या को हल नहीं कर पाए उसके लिए सऊदी अरब के दर पर पहुंची गुहार |… – भारत संपर्क

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पश्चिमी देश जिस समस्या को हल नहीं कर पाए उसके लिए सऊदी अरब के दर पर पहुंची गुहार |… – भारत संपर्क
पश्चिमी देश जिस समस्या को हल नहीं कर पाए उसके लिए सऊदी अरब के दर पर पहुंची गुहार

जेलेंस्की ने सीजफायर और जंगी कैदियों की रिहाई को लेकर सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के साथ बातचीत की है. /AP

यूक्रेन और रूस की जंग तीसरे साल में पहुंच चुकी है. जंग की शुरुआत में लग रहा था कुछ ही दिनों में ये जंग रूस आसानी से जीत जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. यूक्रेन को विश्व की बड़ी ताकतों का साथ मिला और रूस जैसी बड़ी ताकत के सामने यूक्रेन तीन साल से लड़ रहा है. कई देश इस जंग को रोकने के लिए पहले ही कोशिश कर चुके हैं, कीव और मॉस्को की सीजफायर को लेकर कई चरणों में बातचीत भी हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया. अब यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान यानी MBS का रुख किया है.

खबरों के मुताबिक जेलेंस्की ने सीजफायर और जंगी कैदियों की रिहाई को लेकर सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के साथ बातचीत की है. जेलेंस्की की वेबसाइट पर जारी बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने संघर्ष को खत्म करने को लेकर चर्चा की है साथ ही बताया कि सऊदी अरब नेतृत्व जंग का समाधान तलाशने में मदद कर सकता है. जेलेंस्की ने मध्यस्ता कराने की MBS की भूमिका के लिए उनका धन्यवाद भी किया.

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पीछे हठ रही यूक्रेन सेना

जेलेंस्की का ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब कीव की सेना को पूर्वी यूक्रेन में धीरे-धीरे पीछे धकेला जा रहा है. रूस अपनी बड़ी सेना और आधूनिक हथियारों की की वजह से जंग में लगातार बढ़त बना रहा है. यूरोपियन यूनियन और अमेरिका की मदद के बाद भी यूक्रेन की आर्मी रूस के सामने टिक नहीं रही है. जंग की शुरुआत से ही यूक्रेन को NATO देशों से बड़ी उम्मीद थी लेकिन अभी तक इन देशों ने रूस के खिलाफ अपने सैनिक जमीन पर नहीं उतारे हैं, हलांकि हाल ही में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा यूक्रेनी-रूसी संकट पर बुलाई गई मीटिंग में सैनिकों को यूक्रेन भेजने की बात उठाई थी लेकिन इसपर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया.

यूक्रेनी सेना के प्रवक्ता ने बताया कि यूक्रेनी सेना ने मंगलवार रात भर की भीषण लड़ाई के बाद पूर्वी डोनेट्स्क क्षेत्र के दो और गांवों से अपनी सेना वापस ले ली है.

क्या सऊदी करा सकता है मध्यस्ता?

सऊदी अरब और रूस के बीच मजबूत और अच्छे रिश्ते रहे हैं. सऊदी OPEC+ देशों की ऊर्जा नीतियों को लेकर रूस के साथ जुड़ा रहा है. किंगडम की प्रेस एजेंसी के बयान में कहा गया है कि MBS ने यूक्रेनी-रूसी संकट के निपटारे के मकसद से सभी अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के लिए सऊदी के समर्थन की पुष्टि की है. इस दौरे के बाद जेलेंस्की ने एक्स पर लिखा कि कीव को रूसी आक्रमण को खत्म करने के लिए सऊदी अरब के समर्थन पर भरोसा है.

हाल के सालों में सऊदी क्राउन प्रिंस ने ईरान, हूती के साथ शांति समझौते के साथ-साथ दुनिया भर में अन्य संकटों में भी खुद को एक नेता के रूप में पेश किया है. यूक्रेन-रूस जंग में अरब पड़ोसी देश सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर 2022 में जंग शुरू होने के बाद से कैदियों की अदला-बदली में शामिल रहे हैं.

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