केएन कॉलेज के सहायक प्राध्यापक का कमाल, किया स्पेसिफिक…- भारत संपर्क

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केएन कॉलेज के सहायक प्राध्यापक का कमाल, किया स्पेसिफिक कीवर्ड का इजाद, कम्प्यूटर फाइल को खोजने में है बेहद कारगर

कोरबा। कंप्यूटर में हम अपनी तमाम काम की फाइलों को सेव कर रखते हैं। लाखों और करोड़ों फाइलों का अनगिनत पिटारा उसमें जमा होता है। अचानक किसी दिन एक फाइल की हमें जरुरत पड़ती है तब उसे खोजना एक मुश्किल काम बन जाता है। कोरबा के रहने वाले रुपेश ने इसी मुश्किल को अब आसान काम बना दिया है। रुपेश कोरबा के केएन कॉलेज के सहायक प्राध्यापक हैं। रुपेश ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर डिजाइन किया है जो चंद मिनटों में आपकी फाइल को खोजकर आपके सामने रख देगा। फाइल को खोजने के लिए एक स्पेसिफिक कीवर्ड का इजाद रुपेश ने किया है।
रुपेश के मुताबिक स्पेसिफिक कीवर्ड के जरिए आसानी से हम अपने फाइल को खोज सकते हैं। इसमें कम समय लगेगा और आसानी से आपका काम भी हो जाएगा। रुपेश कहते हैं कि उनका ये सॉफ्टवेयर पूरी तरह के अपने काम के लिए तैयार है। रुपेश की मानें तो नया सॉफ्टवेयर विकसित कर पहली बार कंटेंट माइनिंग में अलग-अलग फॉर्मेट में भी डेटा को सर्च करने का रास्ता ढूंढ़ निकाला है। खास बात यह है कि उनके वाइस बेस्ड सॉफ्टवेयर में आवाज के जरिए हिंदी-अंग्रेजी, चाइनीज या स्पेनिश ही नहीं, दुनिया की किसी भी भाषा में सर्च करते ही मांगी गई जानकारी पलक झपकते ही स्क्रीन पर होगी। डॉ रुपेश मिश्रा ने अपने इस सॉफ्टवेयर के सोशल इंपेक्ट को ध्यान में रखते हुए इसे डिजाइन किया है जिससे की दिव्यांग भी इसका इस्तेमाल आसानी से कर सकें।
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दिव्यांगों के लिए मददगार होगा ये सॉफ्टवेयर
दिव्यांग जनों के लिए ये सॉफ्टवेयर काफी मददगार साबित होगी। पुरानी तकनीक के जरिए जब हम कोई फाइल खोजते थे तब काफी मुश्किलें सामने आती थी। जिस फाइल को हम ढूंढते थे उससे मिलती जुलती कई फाइलें सामने आ जाती थी. डॉ रुपेश के बनाए सॉफ्टवेयर की मदद से अब ये दिक्कत खत्म हो जाएगी। हमें जिस फाइल की जरुरत होगी वहीं फाइल हमारे सामने हाजिर होगी। इस नए सॉफ्टवेयर से यूजर का समय भी बचेगा और परेशानी भी खत्म होगी।रुपेश कहते हैं कि ये सॉफ्टवेयर न केवल सामान्य व्यक्ति, बल्कि दृष्टिबाधित या अन्य दिव्यांगता वाले यूजर के लिए भी सरल है. जो वाइस बेस्ड माध्यम से अपनी जरुरत की सामग्री प्राप्त कर सकते हैं. जिनके पास कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान नहीं है, वे भी अपनी आवाज के जरिए सरलता से अपने कंटेंट ढूंढ़ सकते हैं।
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भाषा की नहीं होगी अड़चन
हिंदी अंग्रेजी या चाइनीज-स्पेनिश जैसी विदेशी भाषा की कोई पाबंदी नहीं है। फाइल किसी भी फॉर्मेट में हो, पीडीएफ हो या फिर टेक्सट फॉर्मेट इस सॉफ्टवेयर की मदद से आप अपनी फाइल को आसानी से खोज सकते हैं। भाषा का भी कोई बैरियर इसमें नहीं होगा। इस सॉफ्टवेयर तकनीक का प्रयोग कर पूरी ड्राइव को भी सर्च किया जा सकता है। उस ड्राइव में चाहे कितने भी फोल्डर और कितनी ही फाइलें हों, सबको सर्च कर एक्जेक्ट मैच्ड कंटेंट फाइल को ढूंढने में मदद मिलेगी।
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मेडिकल,लॉ, रिसर्च और शिक्षा के क्षेत्र में मिलेगी मदद
अपने सॉफ्टवेयर के बारे में डॉक्टर मिश्रा कहते हैं कि इस साफ्टवेयर का इस्तेमाल पर्सनल कंप्यूटर के साथ साथ मेडिकल क्षेत्र, विधि, रिसर्च, शिक्षा क्षेत्र और इस तरह के तमाम सार्वजनिक हित के क्षेत्रों में किया जा सकता है। रुपेश मिश्रा ने कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग अंतर्गत वाइस बेस्ड कंटेंट माइनिंग एंड इंडेक्सिंग फॉर लोकल स्टोरेज रिट्रिवल यूजिंग हिरारिकल रैंकिंग एप्रोच, टॉपिक पर अपना शोध कार्य पूर्ण कर यह सॉफ्वेयर बनाया है। रुपेश सॉफ्टवेयर को यूजर फ्रेंडली बताते हैं।

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