93 की उम्र, 70 साल का साथ और इच्छामृत्यु… वैलेंटाइन्स डे से पहले डच के पूर्व PM ने… – भारत संपर्क

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93 की उम्र, 70 साल का साथ और इच्छामृत्यु… वैलेंटाइन्स डे से पहले डच के पूर्व PM ने… – भारत संपर्क
93 की उम्र, 70 साल का साथ और इच्छामृत्यु... वैलेंटाइन्स डे से पहले डच के पूर्व PM ने हाथों में हाथ डाल पत्नी संग तोड़ा दम

नीदरलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री ड्राइस वैन एग्ट और उनकी पत्नी यूजीन.

93 साल की उम्र और 70 साल का साथ… फिर दोनों ने एक साथ चुनी मौत… ये कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि रीयल लाइफ लव स्टोरी है. जिस पर यकीन कर पाना शायद किसी के भी लिए मुश्किल हो, लेकिन यह सच है. कहानी है नीदरलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री ड्राइस वैन एग्ट और उनकी पत्नी यूजीन की. 93 साल के इस जोड़े ने वैलेंटाइन्स डे से पहले इच्छामृत्यु को चुनते हुए मौत को गले लगा लिया. दोनों ने 70 साल पहले जीने-मरने की साथ में कसम खाई थी, जिसे उन्होंने पूरा भी किया. आखिर दंपति ने इच्छामृत्यु को क्यों चुना चलिए जानते हैं..

नीदरलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री ड्राइस वैन एग्ट और यूजीन की शादी 70 साल पहले हुई थी. दोनों में इतना प्यार था कि जिसकी मिसाल हर कोई देता था. एग्ट हमेशा अपनी पत्नी को ‘माय गर्ल’ कह कर बुलाते थे. ड्राइस वैन एग्ट 1977 और 1982 के बीच नीदरलैंड के प्रधानमंत्री थे. वह नीदरलैंड की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक अपील पार्टी के पहले नेता थे.

द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, एग्ट को साल 2019 में ब्रेन हैमरेज हो गया था. इसके बाद वह कभी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए. दोनों पति-पत्नी बीमार थे, दोनों का चलना फिरना भी मुश्किल हो गया था. दोनों एक दूसरे के बगैर नहीं रह सकते थे. इसीलिए दोनों ने 5 फरवरी को कानूनी तौर पर एक साथ इच्छामृत्यु को चुना.

उसके बाद दोनों ने हाथों में हाथ डालकर इस दुनिया को अलविदा कह दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, एग्ट और उनकी पत्नी यूजीन को आसपास की कब्रों में दफनाया गया. बता दें कि नीदरलैंड में डुओ यूथेनेसिया या इंजेक्शन देकर इच्छामृत्यु का चलन बढ़ रहा है. नीदरलैंड में हर साल लगभग 1,000 लोग मौत के लिए इच्छामृत्यु चुनते हैं. वहीं, अकेले साल 2022 में 29 जोड़ों ने इच्छामृत्यु का विकल्प चुना.

साल 2000 में यूथेनेसिया को कानूनी मान्यता मिली

नीदरलैंड में साल 2000 में यूथेनेसिया को कानूनी मान्यता मिली थी. इस कानून के तहत पीड़ित व्यक्ति छह स्थितियों में इच्छामृत्यु मांग सकता है. वो लोग इच्छामृत्यु मांग सकते हैं जो “ऐसी बीमारी से पीड़ित हों, जिसमें असहनीय पीड़ा हो, जो लाइलाइज हो या उसकी सेहत में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बची हो.”

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