नेतन्याहू का ऐसा डर…आनन-फानन में ऑस्ट्रेलिया ने ईरान पर लिया एक्शन, राजदूत को किया… – भारत संपर्क


ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज (फोटो क्रेडिट- PTI)
ऑस्ट्रेलिया ने ईरान पर यहूदी विरोधी हमले करने का आरोप लगाते हुए ईरानी दूत को देश से निकाल दिया है. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) को भी आतंकवादी यूनिट घोषित करेगा. ईरान पर सिडनी और मेलबर्न में यहूदी समुदाय पर हमलों की साजिश रचने का आरोप है.
अल्बानीज ने कहा कि पिछले साल 20 अक्टूबर को सिडनी में लुईस कॉन्टिनेंटल किचन और 6 दिसंबर को मेलबर्न में अदास इजराइल सिनेगॉग पर हुए हमलों में ईरानी सरकार का हाथ था. उन्हें इसकी खुफिया जानकारी मिली है. अल्बानीज ने इन हमलों को सामाजिक एकता को कमजोर करने और ऑस्ट्रेलिया में मतभेद पैदा करने की कोशिश बताया.
दरअसल, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अल्बानीज पर इजराइल से विश्वासघात करने और ऑस्ट्रेलिया के यहूदी समुदाय को अपने हाल पर छोड़ने का आरोप लगाया था. नेतन्याहू ने 26 अगस्त को कहा था कि इतिहास अल्बानीज को कमजोर राजनेता के तौर पर याद रखेगा.
राजदूत को देश छोड़ने के लिए 7 दिन का समय
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि ईरानी राजदूत अहमद सादगी और उनके 3 सहयोगियों को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया गया है. इन्हें देश छोड़ने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है. वोंग ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार है, जब ऑस्ट्रेलिया ने किसी राजदूत को निष्कासित किया है.
वोंग ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने ईरान की राजधी तेहरान से अपने भी अपने दूत वापस बुला लिए हैं. हम अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए ईरान के साथ कुछ कूटनीतिक संबंध बनाए रखेंगे. ईरान में रह रहे ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को स्वदेश लौटने की सलाह दी गई है. साथ ही कहा कि ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ईरान न जाएं.
ऑस्ट्रेलिया ने ईरान में अपना दूतावास बंद किया
अल्बानीज ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने ईरान की राजधानी तेहरान में अपने दूतावास का संचालन भी सस्पेंड कर दिया है. हमने अपने सभी राजनयिकों को किसी तीसरे देश में ट्रांसफर कर दिया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2023 में इजराइल-गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से ऑस्ट्रेलिया में स्कूलों, घरों और प्रार्थना स्थलों को निशाना बनाया गया है. साथ ही यहूदी समुदाय के खिलाफ मामलों में इजाफा हुआ है.
अल्बानीज ने अगस्त महीने में ऐलान किया था कि ऑस्ट्रेलिया फिलिस्तीन को देश के तौर पर मान्यता देगा. ऐसा सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में होगा. ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा पहले ही इस दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं. ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले पर इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू ने आपत्ति जताई थी. इजराइल ने कहा कि फिलिस्तीनी को मान्यता देना आतंकवाद को सम्मानित करने जैसा है.