Baba Siddique Murder: मुंबई में गुजार दी जिंदगी, लेकिन बिहार से था बाबा…

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Baba Siddique Murder: मुंबई में गुजार दी जिंदगी, लेकिन बिहार से था बाबा…
Baba Siddique Murder: मुंबई में गुजार दी जिंदगी, लेकिन बिहार से था बाबा सिद्दीकी का असली कनेक्शन

बाबा सिद्दीकी की मुंबई में हत्या

महाराष्ट्र के बड़े नेताओं में शुमार NCP नेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई में हत्या कर दी गई है. उन्हें शूटर्स ने तीन गोलियां मारी हैं जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में लीला हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां पर उनकी मौत हो गई है. मुंबई और महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल करने वाले बाबा सिद्दीकी बहुत कम लोग जानते हैं कि बाबा सिद्दीकी का परिवार मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखता था. बाबा सिद्दीकी के पिता करीब पचास साल पहले बिहार के गोपालगंज से मुंबई गये थे.

महाराष्ट्र की राजनीति में मंत्री और विधायक रहे बाबा सिद्दीकी का पूरा नाम बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी था. वह राजनीति में जितने मशहूर थे उतनी ही उनकी पकड़ बॉलीवुड में रखते थे. मुंबई की दुनिया में रच बस चुके बाबा सिद्दीकी की जड़े बिहार के गोपालगंज जिले से जुड़ी हुई थीं. गोपालगंज जिले के माझा ब्लॉक के शेख टोली गांव में गांव में बाबा सिद्दीकी का पुश्तैनी परिवार रहता है. करीब छह दशक पहले बाबा सिद्दीकी के पिता अब्दुल रहीम सिद्दीकी गोपालगंज से मुंबई चले गऐ थे.

सालों पहले चले गए मुंबई

बाबा सिद्दीकी के पिता अब्दुल रहीम सिद्दीकी घड़ी बनाने का काम किया करते थे. बाबा सिद्दीकी ने अपने जीवन के शुरुआती पांच साल गोपालगंज के माझा थाना के इसी शेख टोली गांव में गुजारे. बाबा सिद्दीकी ने 1977 में राजनीति में अपनी पारी की शुरुआत की और पहली बार मुंबई युवा कांग्रेस के महासचिव बने. इसी दौरान वह फिल्म अभिनेता और कांग्रेस नेता सुनील दत्त के संपर्क में आए जिसके बाद बाबा सिद्दीकी ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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आज भी रहता है परिवार

गोपालगंज के इस शेख टोली गांव में आज भी बाबा सिद्दीकी के ममेरे भाई मोहम्मद जलालुद्दीन का परिवार रहता है. 2018 में जब बाबा सिद्दीकी गोपालगंज के अपने पुश्तैनी गांव में आए थे तब उन्होंने कहा था कि वह अपने गांव और अपनी जमीन को नहीं भूल सकते हैं. जितना मेरे पिता का अपने गांव से लगाव था, उतना ही मुझे अपने गांव से लगाव है. बिहार शिक्षा की धरती है. मेहनत की बदौलत ही बिहार के लोग देश और दुनिया में तिरंगे को लहरा रहे हैं. 2018 में उन्होंने यह भी कहा था कि बिहार में जब बाढ आई थी, तब उन्होंने मुंबई से राहत सामग्री को अररिया से लेकर के बिहार के अन्य जिलों में भेजा था.

2018 में आए थे गांव

करीब 50 साल के अंतराल के बाद 2018 में वह अपने पुश्तैनी गांव आये थे. अपने गोपालगंज आने को लेकर बाबा सिद्दीकी इतना उत्साहित और रोमांचित थे कि उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल पर भी इसे शेयर किया था. 2018 में जब वह गोपालगंज पहुंचे तब उन्होंने बताया था कि उन्होंने अपने पिता अब्दुल रहीम सिद्दीकी के नाम पर एक मेमोरियल ट्रस्ट की शुरुआत की है. जो हर साल माझा के सरकारी स्कूलों में दसवीं के टॉपर्स को सम्मानित करेगा. उन्होंने तब यह भी बताया था कि इस साल 110 टॉपर विद्यार्थियों को वह स्कॉलरशिप दे रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि यह प्रक्रिया हर साल चलेगी. सरकारी स्कूलों में सभी जाति धर्म के टॉपर्स को सम्मानित किया जाएगा.

बाबा सिद्दीकी 2022 में भी गोपालगंज आए थे. तब उन्होंने सदर प्रखंड के मानिकपुर गांव में बनाये गए एक क्रिकेट अकादमी के आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने क्रिकेट अकादमी के छात्रों से मिलकर उनका उत्साह भी बढाया था. उन्होंने अकादमी में बुनियादी सुविधा को बढाने पर जोर भी दिया था.

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