बालको ने मुख्य मार्ग को एकाधिकार समझकर किया बाधित, स्थानीय…- भारत संपर्क
बालको ने मुख्य मार्ग को एकाधिकार समझकर किया बाधित, स्थानीय निवासियों सहित 100 वकीलों की जान खतरे में, अधिवक्ता रघुनंदन सिंह ठाकुर ने की सीएम से शिकायत
कोरबा। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के द्वारा अपने कार्य क्षेत्र का विस्तार करते हुए अपने कंपनी का लाभ बढ़ाने हेतु आम जनता एवं बालको नगर में निवास करने वाले लगभग 100 अधिवक्ताओं के जान को जोखिम में डाल दिया गया है। जिसके लिए कंपनी द्वारा बालको कोरबा मुख्य मार्ग को एकाधिकार समझकर बाधित किया गया है। जिसकी शिकायत अधिवक्ता रघुनंदन सिंह ठाकुर ने सीएम विष्णु देव साय से की है।अधिवक्ता ने शिकायत पत्र में कहा है कि वे बालको नगर में रहकर 15 वर्षों से जिला न्यायालय आई.टी.आई चौक कोरबा में विधि व्यवसाय करते है। 15 वर्षों से प्रति कार्य दिवस बालको नगर से मुख्य मार्ग से न्यायालय आना-जाना करते है। विगत एक वर्ष से उक्त मार्ग से आने जाने में कतराता हूँ, परंतु अन्य मार्ग नही होने की वजह से मुझे उसी मार्ग से होकर गुजरना पड़ता है। बालको कंपनी के द्वारा अपने कार्य का विस्तार करते हुए मुख्य मार्ग को बाधित किया गया है। उक्त मार्ग से बालको नगर से मेरे अतिरिक्त 100 अन्य अधिवक्ता एवं लगभग 30 हजार आम जनता का अवागमन होता है। बालको के द्वारा मानवता का ध्यान नही रखा जा रहा है, उक्त मार्ग पर कभी भी कोई भी बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है। बालको ने अपने कार्य विस्तार के तहत पृथक से बालको प्लांट में एक अन्य प्रवेश द्वार खोला है जो बालको कोरबा मुख्य मार्ग पर खुलती है। जिससे बालको के प्रवेश द्वार में कर्मचारियों के आने जाने से खासी भीड़ होती है।जिससे मुख्य मार्ग में आवाजाही करने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा बालको कंपनी के द्वारा अपने उसी मुख्य मार्ग के सामने मिक्सिंग प्लांट एवं बडी वाहनों के लिए यार्ड बनाया गया है। जिसके कारण भी मुख्य मार्ग पर बड़ी वाहन दुर्घटना होने की संभावना है, समय रहते बालको के मनमाना रवैये पर प्रशासन की ओर से संज्ञान नही लिया जाता है तो आम जनता के लिए भारी समस्या होगी। बालको के द्वारा किया जा रहा कृत्य मानवता रहित व तानाशाही रवैये को दर्शाता है। बालको मुख्य मार्ग का उपयोग स्वयं के अचल संपत्ति की तरह कर रहा है, जिस पर अंकुश लगाना अति आवश्यक है, यदि प्रशासन की ओर से इस रवैये पर बालको के विरूद्ध कोई कार्यवाही नही की जाती है तो उक्त मामले को वे न्यायालय की शरण में जाकर निराकृत कराएंगे। श्री ठाकुर का कहना है कि जिसकी जवाबदेही हेतु प्रशासन को भी पक्ष बनाउंगा, भविष्य में होने वाले कानूनी कार्यवाही के लिए बालको एवं प्रशासन जिम्मेदार होगा।