दिन में शूटिंग, रात में सजा काटने जेल पहुंच जाते थे बलराज साहनी, ऐसे पूरी हुई थी… – भारत संपर्क

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दिन में शूटिंग, रात में सजा काटने जेल पहुंच जाते थे बलराज साहनी, ऐसे पूरी हुई थी… – भारत संपर्क
दिन में शूटिंग, रात में सजा काटने जेल पहुंच जाते थे बलराज साहनी, ऐसे पूरी हुई थी के आसिफ की ये फिल्म

बॉलीवुड के मशहूर एक्टर

कुछ फिल्मी सितारे ऐसे हैं जो अपने किरदार को जीवंत करने के लिए ऐसी एक्टिंग करते हैं कि वो देखने वालों के दिलों को छू जाती हैं. कुछ ऐसा ही बलराज साहनी भी किया करते थे, जो हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता थे और उन्होंने अपने समय में एक से बढ़कर एक फिल्में कीं. बलराज साहनी अपने दौर के सुपरस्टार थे, जिनकी ज्यादातर फिल्में हिट होती थीं.

1 मई 1913 को ब्रिटिश इंडिया के रावलपिंडी (अब पाकिस्तान) में बलराज साहनी का एक पंजाबी परिवार में जन्म हुआ था. 1973 में 59 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था. बलराज साहनी ने आजादी के लिए कई आनंदोलनों में हिस्सा लिया और जेल भी गए, लेकिन साथ में फिल्म की शूटिंग भी की, आइए जानते हैं कैसे?

जेल में रहकर बलराज साहनी ने पूरी थी शूटिंग

टीवी प्रेजेंटेटर और एक्ट्रेस दिवंगत तबस्सुम ने बलराज साहनी के बारे में एक किस्सा बताया था. बलराज साहनी को 1951 में आई फिल्म हलचल दिलीप कुमार के कहने पर मिली थी. के आसिफ दिलीप कुमार को बहुत मानते थे और उनके कहने पर उन्होंने बलराज को साइन किया था. बलराज को ये फिल्म करनी थी और वो काफी एक्साइटेड भी थे. सबकुछ फिक्स हुआ, लेकिन एक घटना घटित हुई. तबस्सुम ने वीडियो में बताया था कि फिल्म के कुछ हिस्से की शूटिंग हो चुकी थी कि तब ही बलराज मुंबई में चल रहे एक जुलूस में कुछ लोगों के साथ शामिल हो गए थे. उन लोगों पर हिंसा भड़काने के आरोप लगे और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

बलराज साहनी का नाम भी उसी लिस्ट में था और उन्हें जेल में कुछ समय रहना पड़ा. फिल्म की शूटिंग हर दिन हो रही थी इसलिए के आसिफ ने बलराज साहनी के शूटिंग करने की परमिशन ली थी. बताया जाता है कि जेलर उनका फैन था तो उसने परमिशन दे दी और फिर सुबह से शाम तक बलराज शूटिंग पर जाते थे, जिनके साथ दो हवलदार भी होते थे. रात उन्हें जेल में गुजारनी होती थी और ये सिलसिला करीब 3 महीने तक चला जब तक वो जेल में रहे.

बलराज साहनी का फिल्मी करियर

1946 में फिल्म इंसाफ से बलराज साहनी ने डेब्यू किया था. लेकिन इन्हें पहचान उसी साल रिलीज हुई फिल्म धरती के लाल से मिली थी. बलराज की परफॉर्मेंस के लिए उन्हें अवॉर्ड फिल्म दो बीघा जमीन के लिए मिला, जो 1953 में रिलीज हुई थी. बलराज साहनी ने ‘कठपुतली’, ‘भाभी’, ‘सट्टा बाजार’, ‘छोटी बहन’, ‘अनपढ़’, ‘हलचल’, ‘वक्त’, ‘अमन’, ‘दो रास्ते’, ‘एक फूल दो माली’, ‘तलाश’ जैसी फिल्मों में नजर आए थे. बलराज साहनी के बेटे परिक्षित साहनी हैं, जिन्हें आप ‘पीके’, ‘सुल्तान’, ‘थ्री इडियट्स’, ‘लगे रहो मुन्नाभाई’, ‘मुझसे दोस्ती करोगे’, ‘ मेरी जंग’, ‘दूसरा आदमी’ जैसी फिल्मों में देख चुके हैं.

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