सिंगल यूज प्लास्टिक का बैन दे रहा बिजनेस का बड़ा मौका, ऐसे…- भारत संपर्क

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सिंगल यूज प्लास्टिक का बैन दे रहा बिजनेस का बड़ा मौका, ऐसे…- भारत संपर्क
सिंगल यूज प्लास्टिक का बैन दे रहा बिजनेस का बड़ा मौका, ऐसे करें शुरू, सरकार कर रही मदद

नॉन वूवन का बिजनेस शुरू करने में कितना आएगा खर्च?

भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन किए करीब-करीब दो साल होने को आ गए हैं. 1 जुलाई 2022 को सरकार ने बैन लगाया था. केंद्र ने यह फैसला बढ़ते प्रदूषण और पूरे देश में प्लास्टिक के कचरे और उससे होने वाले खतरे को कंट्रोल करने के उद्देश्य से लिया था. आज के समय में जब से सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन किया है. नॉन वूवन बैग का कारोबार तेजी से देश के अंदर पनपने लगा है. आज की स्टोरी में हम आपको नॉन वूवन बैग के कारोबार से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां देने वाले हैं. साथ में यह भी बताएंगे कि इस बिजनेस को करने से आप औसतन कितने रुपए कमा सकते हैं. अगर आपके पास पैसा नहीं है तो स्टार्टिंग में बिजनेस शुरू करने के लिए पैसा कहां से मिलेगा?

कैसा है मार्केट का हाल?

भारत का गैर-बुना बैग (Non Woven) का मार्केट हर साल 8-10% की दर से बढ़ रहा है और अगले एक दशक में इसका उत्पादन 10 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है. 2021 में ग्लोबल नॉन वूवन कपड़ा बाजार का मूल्य 31.1 बिलियन डॉलर था और 2030 तक इसके बढ़कर 53.43 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है. नॉन वूवन बैग के बाजार की बात करें तो 2023 में यह 3.94 बिलियन डॉलर (32.8 हजार करोड़) से बढ़कर 2029 तक 6.08 बिलियन डॉलर(50 हजार करोड़ रुपए) होने की उम्मीद है. यानी मार्केट में डिमांड भी है और ग्रोथ भी नजर आ रहा है.

बिजनेस शुरू करने में कितना आएगा खर्च?

Non Woven बैग का बिजनेस कम निवेश में अधिक प्रॉफिटेबल साबित हो सकता है. प्लास्टिक बैन के बाद इसकी मांग तेजी से बढ़ गई है, और इसके साथ ही मैन्युफैक्चरिंग की भी डिमांड तेज हो गई है. इस बिजनेस की शुरुआत के लिए कुछ मशीनों और थोड़ी सी जगह की आवश्यकता होती है. खास बात यह है कि निवेश भी कम करना पड़ता है. शुरुआत में इसके लिए आपको तीन प्रकार की मशीनों की आवश्यकता होती है, जिसमें फैब्रिक कटिंग मशीन, सीलिंग मशीन, और हाइड्रोलिक पंचिंग मशीन शामिल है. आप इन मशीनों को दुकानों से या ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं. मशीन खरीदने के लिए इंडियामार्ट भी एक अच्छा विकल्प है.

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इन मशीनों की खरीद पर अनुमानित खर्च लगभग एक लाख रुपए या उससे थोड़ा अधिक हो सकता है. बैग का निर्माण फैब्रिक कटिंग मशीन की सहायता से किया जाता है, फिर सीलिंग मशीन की मदद से सिलाई की जाती है, और अंत में हाइड्रोलिक पंचिंग मशीन से बैग का हैंडल लगाया जाता है.

कितने रुपए तक हो जाती है कमाई

अगर आप अपने बैग को विशेष लुक देना चाहते हैं, तो आप प्रिंटिंग मशीन का इस्तेमाल करके लोगो और अन्य डिजाइन बना सकते हैं, या फिर अपने इच्छानुसार भी डिजाइन क्रिएट कर सकते हैं. इस प्रकार की बैग से रोजाना लगभग 10,000 रुपए तक की कमाई की जा सकती है. अगर आपके पास एवेरज 500 पीस का भी ऑर्डर आ जाता है तो.
कहां से मिलेगा रॉ मटीरियल

इसके रॉ मटीरियल यानी फेब्रिक भी आसानी से उपलब्ध होता है और इसके लिए खर्च भी कम होता है. फेब्रिक मिलते ही इन मशीनों के माध्यम से आप एक दिन में 5000 से अधिक बैग तैयार कर सकते हैं. Non Woven से बने बैग की कीमत कम से कम 100 रुपए प्रति किलो होती है. अगर आप बेस्ट क्वालिटी का प्रोडक्ट बना रहे हैं तो इसका मूल्य 150 रुपए प्रति किलो तक बढ़ा सकते हैं. इस तरह से रोजाना लगभग 10,000 रुपए की कमाई की जा सकती है. और जब मांग बढ़ती है और अधिक ऑर्डर मिलते हैं, तो कमाई भी अधिक हो सकती है.

पैसा ना होने पर क्या विकल्प?

अब यहां सबसे बड़ी समस्या इस बात की होती है कि इसके लिए शुरुआत में पैसे की व्यवस्था कहां से करें. तो बता दें कि सरकार के तरफ से मुद्रा लोन योजना चलाई जाती है. इस योजना की शुरुआत 8 अप्रैल 2015 को की गई थी. योजना के तहत देश के लोगों को खुद का छोटा व्यवसाय शुरू करने के लिए अधिकतम 10 लाख तक का लोन दिया जा रहा है. मुद्रा योजना की सबसे अहम बात है कि इसमें बिना किसी गांरटी कारोबार की शुरुआत करने के लिए लोन दिया जाता है. इस योजना के तहत तीन प्रकार का लोन शिशु, किशोर और तरुण में दिए जाते हैं.

  1. शिशु लोन: 50,000 रुपए तक के लोन
  2. किशोर लोन: 50,000 रुपए से अधिक और रुपए 5 लाख रुपए से कम के लोन
  3. तरुण लोन: 5 लाख रुपए से अधिक और 10 लाख रुपए तक के लोन

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