एशिया कप 2025 को लेकर BCCI का बड़ा फैसला, सामने आया ये अपडेट – भारत संपर्क

एशिया कप 2025 को लेकर बड़ी रिपोर्ट आई सामने (फोटो- Surjeet Yadav/Getty Images)
एशिया कप 2025 पर संकट के बादल अब कम होते नजर आ रहे हैं. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) की 24 जुलाई को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में होने वाली सलाना बैठक का बहिष्कार ना करने का फैसला लिया है.पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी की अध्यक्षता में होने वाले इस कार्यक्रम में अब बीसीसीआई भाग लेने के लिए पूरी तरह तैयार है. हालांकि, बीसीसीआई के अधिकारी बांग्लादेश का दौरा नहीं करेंगे.
एशिया कप 2025 पर बड़ा अपडेट
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने ढाका में होने वाली इस बैठक में वर्चुअल रूप से भाग लेने का फैसला किया है. यह फैसला एशिया कप 2025 के आयोजन स्थल को लेकर चल रही अनिश्चितता को खत्म करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. एशिया कप 2025 की मेजबानी बीसीसीआई को करनी है और टूर्नामेंट यूएई में खेला जा सकता है. यूएई के दुबई, अबुधाबी और शारजाह जैसे क्रिकेट मैदान उपलब्ध हैं. यूएई पहले भी 2018 और 2022 में एशिया कप की मेजबानी कर चुका है. दूसरी ओर, श्रीलंका भी मेजबानी की दौड़ में है.
एसीसी के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व वर्चुअली उसके उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला करेंगे, जो एसीसी बोर्ड के नामित सदस्य हैं. एशिया कप के संबंध में आयोजन स्थल पर ध्यान देने की जरूरत है, इसलिए बीसीसीआई ने वर्चुअली बैठक में भाग लेने का फैसला किया.’ दूसरी ओर पीसीबी अध्यक्ष नकवी कई अन्य सदस्य देशों के साथ बैठक के लिए पहले से ही ढाका में हैं. बीसीबी के एक सूत्र ने कहा, ‘बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड बैठक के लिए केवल एक फैसिलिटी प्रोवाइडर है. हम बैठक के लिए केवल साजो-सामान संबंधी सहायता प्रदान कर रहे हैं. हमने एक संपर्क अधिकारी रखा है जो सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ कॉर्डिनेशन कर रहा है, उनकी यात्रा और रहने की व्यवस्था कर रहा है.’
बता दें, बीसीसीआई ने हाल ही में अगस्त 2025 में बांग्लादेश के अपने सफेद गेंद (वनडे और टी20) दौरे को पोसपोंड कर सितंबर 2026 तक के लिए टाल दिया था. इस फैसले के पीछे बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक अशांति और स्थिर सरकार की कमी को अहम कारण बताया गया. बीसीसीआई ने इस संदर्भ में पहले ही एसीसी से ढाका में होने वाली बैठक के स्थान को बदलने की मांग की थी, क्योंकि भारत पड़ोसी देश की यात्रा को लेकर असहज है. इस स्थिति ने एशिया कप की मेजबानी को लेकर अनिश्चितता को और बढ़ा दिया था.