किशोर कुमार की जयंती पर बिलासपुर में होगा सुरों का महामिलन,…- भारत संपर्क


प्रवीर भट्टाचार्य

बिलासपुर।
भारतीय सिनेमा के सबसे लोकप्रिय पार्श्व गायकों में अग्रणी, कालजयी स्वर के धनी स्वर्गीय किशोर कुमार की स्मृति में एक बार फिर सुरों की अनोखी महफ़िल सजेगी। आगामी 4 अगस्त 2025 को महान गायक किशोर कुमार की जयंती के अवसर पर लखीराम अग्रवाल ऑडिटोरियम, बिलासपुर में एक भव्य गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन उस स्वर्णिम युग की याद दिलाएगा, जब आवाज़ें आत्मा से निकलकर दिलों को छू जाती थीं।
किशोर कुमार: एक युग, एक आवाज़
4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा में जन्मे आभास कुमार गांगुली, जिन्हें पूरी दुनिया किशोर कुमार के नाम से जानती है, ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा और अद्वितीय आवाज़ से सिनेमा जगत में अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने न केवल गायन में, बल्कि अभिनय, निर्देशन और संगीत निर्देशन में भी असाधारण योगदान दिया। उनकी आवाज़ आज भी उतनी ही लोकप्रिय है जितनी उनके जीवनकाल में थी।
प्रतियोगिता का स्वरूप
इस अवसर पर आयोजित गायन प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को न केवल किशोर कुमार के अमर गीतों को गाने का मौका मिलेगा, बल्कि वे मोहम्मद रफ़ी, मुकेश, लता मंगेशकर, बप्पी लाहिड़ी और आशा भोसले जैसे दिग्गज गायकों के गीत भी प्रस्तुत कर सकेंगे। यह कार्यक्रम सुरों की एक अनूठी यात्रा होगी, जो पुराने ज़माने के संगीत प्रेमियों के साथ-साथ नई पीढ़ी के लिए भी प्रेरणादायक सिद्ध होगी।
स्वर परीक्षण और पंजीयन
प्रतियोगिता में भाग लेने के इच्छुक प्रतिभागियों के लिए स्वर परीक्षण (Voice Test) का आयोजन 4 जुलाई शुक्रवार को शाम 4:00 बजे से रात 8:00 बजे तक रामा मैग्नेटो मॉल, बिलासपुर में किया जाएगा।
प्रतिभागियों के लिए प्रवेश शुल्क ₹500 निर्धारित किया गया है। इच्छुक प्रतिभागी मोबाइल नंबर 7987725779 या 9300734858 पर संपर्क कर पंजीयन की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
सांस्कृतिक पुनर्जागरण की पहल
यह आयोजन न केवल किशोर कुमार जैसी महान शख्सियत को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक प्रयास है, बल्कि बिलासपुर के स्थानीय गायन प्रतिभाओं को एक बड़ा मंच प्रदान करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। संगीत प्रेमियों को उम्मीद है कि यह प्रतियोगिता 4 अगस्त की शाम को सुरों के माध्यम से एक बार फिर 70-80 के दशक के संगीत युग में ले जाएगी, जब हर गली और हर दिल किशोर दा की धुनों से गूंजता था।
यह प्रतियोगिता न केवल संगीत का उत्सव होगी, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा भी, जो किशोर कुमार की अमर आवाज़ को पुनर्जीवित करेगी। बिलासपुर शहर 4 अगस्त को सुरों के इस सजीव उत्सव का साक्षी बनेगा, जहां हर सुर में होगा किशोर दा के प्रति श्रद्धा और संगीत के प्रति समर्पण।
एस. भारत न्यूज़

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