पर्यावरण की रक्षा के उद्देश्य से बिलासपुर में आरंभ किया गया…- भारत संपर्क

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पर्यावरण की रक्षा के उद्देश्य से बिलासपुर में आरंभ किया गया…- भारत संपर्क

बिलासपुर के सामाजिक संगठन लगातार जनहित और लोकहित में विधिक कार्य कर रहे हैं । इसी क्रम में मंगलवार को एक ऐसी पहल की गई जिससे बहुआयामी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इन दिनों शादी पार्टी हो या फिर भंडारा हर जगह प्लास्टिक और अन्य कचरा इस वजह से फैल जाता है, जिसे देखते हुए बिलासपुर के सामाजिक संगठन विश्वधारम जन कल्याण सेवा समिति ने अनूठी पहन की है। छोटे-छोटे सामाजिक, घरेलू और सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान प्लास्टिक के गिलास, चम्मच , प्लेट, दोना पत्तल आदि से होने वाली गंदगी और इनकी वजह से नालियों में कचरा जाम हो जाने से शहर वासी परेशान है। साथ ही भोजन के साथ मौजूद इन प्लास्टिक को खाने से मवेशियों की भी लगातार मौत हो रही है, जिसे देखते हुए विश्व धारम जन कल्याण सेवा समिति ने श्री राम बर्तन बैंक की शुरुआत की है।

यह बर्तन बैंक सभी को जन्मदिन, विवाह, भंडारा , दशगात्र जैसे किसी भी आयोजन के लिए निशुल्क बर्तन उपलब्ध कराएगी। संस्था के 6 सदस्यों ने लगभग 2 लाख रुपये खर्च कर इस बैंक की शुरुआत की है। 551 सेट बर्तन से इसकी शुरुआत की गई है। संस्था द्वारा यह सभी बर्तन किसी भी आयोजन के लिए निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे ,शर्त बस यह है कि आयोजन पूरा होने के बाद पूरे बर्तन सही सलामत वापस करने होंगे। संस्था से जुड़े रंजीता साहू, कुलदीप जायसवाल, अनुराग तिवारी, सचिन यादव, कुंदन दीवान, नवीन सिंह द्वारा मंगलवार को श्री राम बर्तन बैंक का विधिवत्त शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा, सचिन यादव , नवीन सिंह, प्रणव शर्मा , शैलेंद्र कौशिक आदि मौजूद रहे।

जल्द ही संस्था द्वारा 6 अन्य स्थानों पर भी इसी प्रकार के केंद्र खोले जाने की योजना है। बर्तनों की संख्या 3000 तक बढ़ाने की भी योजना पर काम हो रहा है। योजना का लाभ कैसे आम लोगों तक पहुंचे इसे लेकर विभिन्न संगठनों और कॉलोनी के पदाधिकारियो के साथ भी बैठक की जा रही है। बिलासपुर के बाद आसपास के 20 गांव में भी बर्तन बैंक की सेवा प्रदान की जाएगी ताकि पूरे क्षेत्र में पर्यावरण की सुरक्षा हो सके। अपनी तरह की इससे पहले और अनोखे बर्तन बैंक को लेकर आसपास के लोगों में भी गजब उत्साह नजर आया। लोगों ने भी छोटे-मोटे कार्यक्रम के दौरान प्लास्टिक के गिलास, प्लेट, चम्मच आदि की बजाय संस्था द्वारा प्रदत्त स्टील के बर्तन के इस्तेमाल को प्राथमिकता देने की बात कही। जाहिर है इस तरह के प्रयास से काफी हद तक प्लास्टिक कचरे से मुक्ति मिल सकेगी।

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