कोयला कर्मियों को प्रदर्शन के आधार पर बोनस देने यूनियन नहीं…- भारत संपर्क
कोयला कर्मियों को प्रदर्शन के आधार पर बोनस देने यूनियन नहीं सहमत, स्टैंडराइजेशन कमेटी की बैठक में उठा मुद्दा, नेताओं ने किया विरोध
कोरबा। कोयला कर्मियों का बोनस अब उनके प्रदर्शन के आधार पर कोल इंडिया प्रबंधन ने देने का मन बनाया है। जिसे लेकर सभी श्रम संगठनों ने विरोध जताया है। यूनियन के सदस्यों का कहना है कि नये फॉर्मेट में सब कुछ प्रबंधन के हाथ में होगा। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन कोयला कर्मियों को अब उनके प्रदर्शन के आधार पर बोनस देना चाहता है। इसके लिए एक फॉर्मेट तैयार किया गया है। कोल इंडिया की स्टैंडराइजेशन कमेटी की बैठक में यह मुद्दा लाया गया है जिसका मजदूर यूनियनों ने पुरजोर विरोध किया है। विरोध इस हद तक बढ़ गया है कि प्रबंधन ने स्टैंडराइजेशन कमेटी के अस्तित्व पर ही सवाल उठा दिया है। यूनियन नेताओं ने कहा कि अभी परफॉर्मेंस लिंक रिवार्ड (पीएलआर) का फॉर्मेट है, वही सही है। इसमें सभी कर्मियों को एकमुश्त राशि मिलती है। यह यूनियन और प्रबंधन बैठकर तय करते हैं। नये फॉर्मेट में सब कुछ प्रबंधन के हाथ में होगा। उत्पादन या कार्य को लेकर प्रबंधन की गलतियों का खामियाजा भी कर्मियों को भुगतना होगा। पिछली बार कर्मियों को 93700 रुपये बोनस मिला था। नये फॉर्मेट में वे लोग इसका विरोध करते हैं। उन्हें मजदूरों को जवाब देना होगा। नया फॉर्मेट मजदूर हित में नहीं है, इसलिए उनलोगों ने मजदूरों के हित में विरोध किया है। छोटे से बड़े कर्मचारियों को एक समान बोनस मिलता है। कोल इंडिया का नया फॉर्मेट मजदूर हित में नहीं है।
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स्पोट्र्स की वैकेंसी में स्केटिंग जोडऩे सहमति
बैठक में 10,000 रुपये अथवा इससे अधिक पेंशन होने पर माता- पिता को आश्रित मानकर मेडिकल सुविधा की मांग की गयी। इस पर प्रबंधन ने बताया कि बोर्ड स्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा किया जाना शेष है। सीपीआरएमएस-एनई के तहत प्रति वर्ष मेडिकल कार्ड नवीनीकरण का सरलीकरण करने पर सहमति बनी। कोल इंडिया द्वारा हाल ही में जारी स्पोर्ट्स की वैकेंसी में स्केटिंग को जोडऩे पर प्रबंधन के साथ सहमति बनी। क्लर्क के साथ-साथ अन्य कंपनी स्तरीय चयन/परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए तीन वर्ष कंपनी में कार्य करने की शर्त को एक वर्ष करने पर सहमति बनी।