बिलासपुर में अवैध रेत खनन के विरुद्ध बड़ा अभियान, 86 मामलों…- भारत संपर्क



बिलासपुर, छत्तीसगढ़ | 22 जून 2025
बिलासपुर जिले में अवैध रेत खनन के खिलाफ जिला प्रशासन और पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त रूप से सघन अभियान चलाया गया। राज्य शासन के स्पष्ट निर्देशों और “शून्य सहिष्णुता” की नीति के तहत यह कार्रवाई बीते पाँच दिनों में पूरे जिले में व्यापक स्तर पर की गई। इस दौरान कुल 86 मामलों में कार्रवाई हुई, जिनमें से 31 मामलों में आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए, जबकि 55 मामलों में जब्ती की कार्यवाही कर माइनिंग विभाग को प्रतिवेदन भेजा गया है।
कानून का कठोर उपयोग: दर्ज किए गए गंभीर अपराध
कार्रवाई के दौरान जिन प्रकरणों में अपराध दर्ज किए गए हैं, उनमें खनिज अधिनियम 1957 की धारा 4(1), 4(1)(A), 21 के साथ-साथ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 303(2) एवं 3(5) के अंतर्गत मामले दर्ज किए गए हैं। यह स्पष्ट करता है कि प्रशासन अवैध खनन से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की नरमी नहीं बरत रहा है।

वरिष्ठ अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में चला अभियान
इस अभियान की कमान जिला कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल (भाप्रसे) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह (भापुसे) ने स्वयं संभाली। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने न केवल निर्देश जारी किए, बल्कि फील्ड से स्थिति की लगातार मॉनिटरिंग भी की। उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि किसी भी सिफारिश या दबाव को दरकिनार करते हुए दोषियों पर विधिसंगत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
संयुक्त दल की सक्रिय भागीदारी: भारी मात्रा में जब्ती
इस व्यापक अभियान में एसडीएम, एसडीओपी, सीएसपी, तहसीलदार, थाना प्रभारी और माइनिंग इंस्पेक्टर सहित तमाम विभागीय अधिकारी और अमला शामिल रहा। 46 ट्रैक्टर, 14 हाईवा, 2 जेसीबी और 1 चेन माउंटेड पोकलेन जैसे भारी वाहन जब्त किए गए, जिनमें लगभग 500 टन अवैध रेत पाई गई।
प्रशासन की दोहरी प्राथमिकता: राजस्व रक्षा और पर्यावरण संरक्षण
कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा, “बिलासपुर में अब अवैध रेत खनन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन का उद्देश्य न केवल राजस्व और खनिज संसाधनों की रक्षा करना है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन को भी सुरक्षित रखना है। यह कार्रवाई सतत रूप से जारी रहेगी और तकनीकी निगरानी प्रणाली जैसे ड्रोन सर्वे भी लागू की जाएगी।”
एसएसपी श्री रजनेश सिंह ने स्पष्ट किया कि “पुलिस विभाग माइनिंग और राजस्व विभाग के साथ समन्वय कर सख्त कार्रवाई कर रहा है। अवैध खनन से जुड़े किसी भी व्यक्ति को कानून के तहत बख्शा नहीं जाएगा।”
अभियान का सकारात्मक प्रभाव: भय का माहौल, नागरिकों से सहयोग
इस अभियान का जमीनी असर भी सामने आया है। जहाँ पहले खुलेआम रेत उत्खनन और डंपिंग होती थी, अब वहाँ स्थिति नियंत्रण में है। अवैध कारोबारियों में डर और प्रशासनिक सख्ती का स्पष्ट संदेश गया है। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन की इस कार्यवाही का स्वागत किया है और सहयोग की प्रतिबद्धता जताई है।
आगे की योजना: ड्रोन निगरानी और जन-सहयोग पर बल
प्रशासन अब ड्रोन तकनीक और सैटेलाइट मॉनिटरिंग के जरिए अवैध खनन पर और भी प्रभावी नियंत्रण लाने की दिशा में काम कर रहा है। साथ ही, जन-सहयोग को प्रोत्साहित करते हुए आमजन से अपील की गई है कि वे अवैध रेत खनन की किसी भी गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। ऐसी जानकारियों पर त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिया गया है।
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