बड़ी राहत…सस्ता हुआ प्याज, 24 घंटे के अंदर मंडी में 150…- भारत संपर्क
सस्ता हुआ प्याजImage Credit source: Unsplash
महंगाई के इस दौर में अगर प्याज के दाम बढ़ते, तो आम आदमी की प्याज के कम बल्कि घर के बिगड़ते बजट के आंसू ज्यादा रोता. लेकिन अब उसे बड़ी राहत मिली है. देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी में प्याज के दाम 24 घंटे में ही 150 रुपए प्रति क्विंटल तक लुढ़क गए हैं. पहले प्याज के निर्यात पर से पाबंदी हटाने की खबर आई, जिससे प्याज इसके दाम में तेजी देखी गई. हालांकि मंगलवार दोपहर तक इसके भाव गिरने लगे.
देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के नासिक स्थित लासलगांव मंडी है. हुआ ये कि मंगलवार को दोपहर होने तक सरकार की ओर से स्पष्टीकरण आया कि प्याज के एक्सपोर्ट पर पाबंदी 31 मार्च तक जारी रहेगी. इसके बाद प्याज के दाम में गिरावट आने लगी और दाम 150 रुपए प्रति क्विंटल तक लुढ़क गए.
पहले 41 प्रतिशत बढ़ा प्याज का भाव
लासलगांव मंडी में एक दिन पहले 19 फरवरी को थोक प्याज की कीमत 40.62 प्रतिशत बढ़कर 1,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी थी. 17 फरवरी को यही भाव 1,280 रुपये प्रति क्विंटल था. मंगलवार को जब सरकार की ओर ऐलान हो गया कि प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन अभी लगा रहेगा, तब प्याज का नीलामी भाव 150 रुपए प्रति क्विंटल गिरकर 1,650 रुपए पर आ गया. इस दौरान मंडी में 8,500 क्विंटल प्याज को लेकर सौदा हुआ.
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लासलगांव कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) के चेयरमैन बालासाहेब क्षीरसागर ने कहा, ”पिछले सप्ताह दाम बढ़े थे. हालांकि प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के बारे में कोई सरकारी प्रस्ताव या घोषणा नहीं होने से, ये लगभग स्थिर हो गये हैं.”
पहले उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने भी साफ किया था कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं हटाया गया है. यह जारी है. मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता देश में कंज्यूमर्स को उचित मूल्य पर प्याज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना है.
लहसुन भाव पहुंचा 600 रुपए किलो
देश के रिटेल मार्केट में लहसुन का भाव 600 रुपए किलो तक पहुंच गया है. देश की सबसे बड़ी लहसुन मंडियों में से एक गुजरात की जामनगर मंडी में भी लहसुन का थोक भाव बीते कुछ दिनों में 350 रुपए प्रति किलो से ऊपर जा चुका है. ऐसे में इसकी फुटकर कीमतें 500 से 550 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई हैं और कई इलाकों में तो भाव 600 रुपए किलो तक है.
इस बार लहसुन की पैदावार पिछले साल के मुकाबले कम है. इसलिए मंडी में नई फसल की आवक कम है. पुरानी फसल का स्टॉक चुक गया है. इसलिए इसकी कीमत में खूब उछाल दिख रहा है.