न्याय के देवता की आराधना में डूबा बिलासपुर, राजकिशोर नगर…- भारत संपर्क




बिलासपुर। न्याय के देवता माने जाने वाले भगवान शनि की पूजा आज पूरे भक्ति भाव से बिलासपुर में संपन्न हुई। इस वर्ष शनि जयंती और वट सावित्री व्रत दोनों पर्वों की तिथि को लेकर भिन्नता के कारण श्रद्धालुओं ने दो दिनों तक पूजन-अर्चन किया। सोमवार को भी मंदिरों में श्रद्धालु पहुंचे, लेकिन अपेक्षाकृत भीड़ कम रही। वहीं मंगलवार को शहर के विभिन्न शनि मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली।
राजकिशोर नगर स्थित श्री शनि साइन धाम बना श्रद्धा का केंद्र

राजकिशोर नगर स्थित श्री शनि साइन धाम में आज विशेष उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। भक्तों ने शनि शिला खंड पर सरसों का तेल, काली तिल, नीले फूल, काले वस्त्र, लोहे की वस्तुएं और उड़द चढ़ाकर शनि देव को प्रसन्न किया। तेल अभिषेक के साथ संकटों के निवारण और जीवन में स्थिरता की कामना की गई।

शनि देव की महिमा
शनि देव को नवग्रहों में एक विशेष स्थान प्राप्त है। पौराणिक कथाओं के अनुसार वे सूर्य देव और छाया (संवर्णा) के पुत्र हैं। उनके जन्म के समय सूर्यग्रहण की स्थिति बन गई थी, जिससे उनका प्रभाव तत्काल महसूस किया गया। शनि देव को कर्म का दंडाधिकारी माना गया है — वे हर प्राणी को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। यही कारण है कि उन्हें ‘न्याय का देवता’ कहा जाता है।

उनकी दृष्टि को अशुभ माना जाता है, लेकिन यह केवल बाह्य रूप है। वास्तव में शनि व्यक्ति को अनुशासन, परिश्रम और न्यायप्रियता की शिक्षा देते हैं। वे पापियों को दंड देते हैं, लेकिन सज्जनों के लिए रक्षक भी हैं। शनिदेव की ‘साढ़ेसाती’ और ‘ढैय्या’ जैसी दशाएं जीवन में कई बार आती हैं, जिन्हें श्रद्धा और सही मार्ग पर चलकर सरल किया जा सकता है।
शनि जयंती का महत्व

शनि जयंती शनि देव के जन्म दिवस के रूप में ज्येष्ठ अमावस्या के दिन मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है जो जीवन में कष्टों, बाधाओं या न्याय संबंधी समस्याओं से जूझ रहे होते हैं। शनि जयंती पर की गई पूजा से ग्रह दशा में सुधार, कोर्ट-कचहरी से छुटकारा, नौकरी या व्यवसाय में प्रगति, और पारिवारिक शांति की प्राप्ति होती है।
इस दिन लोग व्रत रखते हैं, दान करते हैं और शनि मंदिर में विशेष पूजा आयोजित करते हैं। काले तिल, काले कपड़े, छत्र, जूते, लोहा और तेल का दान इस दिन विशेष फलदायी माना गया है।

बिलासपुर में इस वर्ष शनि जयंती पर श्रद्धा और आस्था का विशेष उत्साह देखा गया। भक्तों ने पूजा-अर्चना कर न केवल अपने संकटों से मुक्ति की प्रार्थना की, बल्कि यह संकल्प भी लिया कि वे न्याय और धर्म के पथ पर चलेंगे। शनि देव की कृपा से जीवन में स्थिरता, अनुशासन और सफलता की कामना हर भक्त ने की।
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