करोड़ों की ब्लैकमनी और 10 प्रतिशत कमीशन, बेंगलुरू के कारोबारी का लखनऊ में अ… – भारत संपर्क

लखनऊ में आरोपियों को अरेस्ट करने के बाद प्रेस कांफ्रेंस करते डीसीपी निपुण अग्रवाल
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने उत्तर प्रदेश में सक्रिय एक बड़े गिरोह का खुलासा किया है. इस गिरोह के बदमाश बड़े बड़े कारोबारियों को ब्लैकमनी को ह्वाइट करने का झांसा देकर बुलाते थे और फिर उन्हें किडनैप कर उनके परिवार से फिरौती वसूल करते थे. इन बदमाशों ने दो दिन पहले 22 मार्च को ऐसी ही एक वारदात को अंजाम दिया. हालांकि समय रहते सूचना मिलने पर हरकत में डीसीपी दक्षिण निपुण अग्रवाल की टीम ने तीन बदमाशों अरेस्ट कर लिया है. अब पुलिस इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है.
डीसीपी दक्षिण निपुण अग्रवाल के मुताबिक इन बदमाशों ने इसी पैटर्न पर कई अन्य वारदातों को अंजाम दिया है. पुलिस इन वारदातों को भी ट्रैस करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने बताया कि आरोपी सोशल मीडिया पर शिकार तलाशते थे. फिर उन्हें भरोसा देते थे कि उनके पास करोड़ों की ब्लैकमनी है. फिर वह शिकार को इसे ह्वाइट में बदलने के लिए 10 फीसदी कमीशन का लालच देते थे और जैसे ही वह व्यक्ति इनके झांसे में आकर लखनऊ पहुंचता, ये अगवा कर लेते थे.
डीसीपी ने बताया वारदात का पैटर्न
डीसीपी निपुण अग्रवाल के मुताबिक कारोबारियों का अपहरण करने के बाद ये बदमाश उसके घर वालों से संपर्क करते थे और 50 लाख रुपये से लेकर पांच करोड़ रुपये तक की डिमांड करते थे. इस घटना में इन बदमाशों ने एक करोड़ रुपये की डिमांड की थी. गनीमत रही कि कारोबारी के परिजन इन बदमाशों के प्रभाव में आने के बजाय पुलिस में शिकायत दे दी और समय रहते पुलिस ने भी घेराबंदी कर इन बदमाशों को दबोच लिया है.
इंस्टाग्राम के जरिए फंसाते थे शिकार
डीसीपी के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक फर्जी कंपनी के नाम से एकाउंट बनाया है. इसी एकाउंट के जरिए वह बड़े बड़े कारोबारियों को झांसा देते थे. इस बार उन्होंने बेंगलुरू के रहने वाले कारोबारी मंजूनाथ को शिकार बनाया. उन्हें बताया कि उनके पास ब्लैकमनी के रूप में करोड़ों रुपये हैं. वह चाहें तो इन रुपयों को अपने खाते में डाल कर ह्वाइट कर सकते हैं और फिर 10 प्रतिशत कमीशन काट कर बाकी रकम उनके बताए खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं.
एक करोड़ की मांगी थी फिरौती
चूंकि एक झटके में 10 लाख रुपये से अधिक की आमदनी हो रही थी, इसलिए मंजूनाथ भी 22 मार्च को इंडिगो की फ्लाइट पकड़ कर लखनऊ आ गए. यहां आते ही बदमाशों ने उन्हें अगवा कर लिया और फिर उनके परिजनों को फोनकर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांग ली. डीसीपी के मुताबिक परिजनों की सूचना पर पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलासं की मदद से आरोपियों की घेराबंदी की और उन्हें एक 0.32 बोर की पिस्टल, चार कारतूस और बिना नंबर प्लेट की कार के अलावा आठ मोबाइल फोन के साथ अरेस्ट किया है.