पैरों में पड़ जा रहे छाले, नहीं मिल रहा फसल का एक दाना… यहां खेती करने से… – भारत संपर्क

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पैरों में पड़ जा रहे छाले, नहीं मिल रहा फसल का एक दाना… यहां खेती करने से… – भारत संपर्क

किसानों के खेतों में जा रहा एथेनॉल प्लांट का कमेकल युक्त पानी.
बालाघाट जिले को विकास की डोर से बांधने के लिए एथेनॉल प्रोजेक्ट शुरू किए गए थे. इन प्लांट को शुरू करने का उद्देश्य ये था कि इनसे न सिर्फ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होते, बल्कि बालाघाट को विकास की गति में जोड़ने में ये अहम योगदान भी देते. हालांकि इन प्लांट के शुरू होते ही रोजगार मिलना तो दूर स्थानीय लोगों का प्रदूषण से जीवन दुभर हो गया है. प्लांट से निकलने वाले पानी से बदबू आती है, सांस लेने में तकलीफ होती है, यही नहीं खेतों में काम करने वाले ग्रामीणों के पैरों में छाले तक निकल आ रहे हैं. यही नहीं फसलों पर भी इस दूषित पानी का बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
बालाघाट जिले में बढ़ते वायुप्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा एथेनॉल प्लांट लगाए गए थे, जिससे की बड़ी मात्रा में एथेनॉल का प्रोडक्शन हो सके. जिले में अलग-अलग जगहों ये पर प्लांट बनाए गए थे. इनमें एथेनॉल बनना शुरू भी हो चुका है, लेकिन जिले का एक एथेनॉल प्लांट ऐसा है, जो लोगों के लिए परेशानी का बड़ा कारण बन चुका है. ये प्लांट वारासिवनी क्षेत्र बासी पंचायत में जैकसल कंपनी के द्वारा लगाया गया है.
आक्रोशित भीड़ का प्लांट पर बवाल
एथेनॉल प्लांट को चालू हुए करीब एक साल होने जा रहा है, लेकिन मैनेजमेंट द्वारा आज तक पार्किंग और दूषित पानी के निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. एथेनॉल बनाने के लिए मक्का और धान के भूसे को बड़े-बड़े ट्रकों से लाया जाता है. इन ट्रकों को मेन रोड पर खड़ा कर दिया जाता है. ऐसे में लोग हादसे का शिकार भी हो जाते हैं. बीते दिनों एक युवक ट्रक की चपेट में आ गया था. युवक का एक हाथ फ्रेक्चर हो गया था और सिर में गंभीर चोटें लगी थीं.
इस घटना के बाद लोगों में काफी आक्रोश पनप गया था और नौबत तोड़फोड़ तक जा पहुंची थी. बाद में क्षेत्रीय विधायक ने लोगों को समझा-बुझाकर किसी तरह से शांत कराया और प्लांट के मैनेजमेंट से बात कर जल्द से जल्द पार्किंग व्यवस्था ठीक करने को कहा. वहीं पुलिस रामपायली ने भी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई न करके उल्टा ग्रामीणों पर ही तोड़फोड़ करने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया था.
दूषित पानी से किसानों के पैरों में पड़े छाले
ग्रामीणों ने बताया कि बासी पंचायत में बनने वाले एथेनॉल प्लांट से विकास की बात हो रही है, लेकिन यहां वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण बड़ गया है. प्लांट में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाया गया है, जिसके चलते प्लांट से निकलने वाले कैमिकल युक्त पानी को सीधे नदी और नहर के पानी में छोड़ा जा रहा है. यह नहर पास के जंगल से होकर गुजरती है और वन्य प्राणी नहर के इस पानी को पीते हैं. ऐसे में उनकी जान को भी खतरा है.
इसी पानी को किसान फसलों की सिंचाई के लिए भी प्रयोग करते हैं. अब फसलों पर भी इसका कुप्रभाव दिखने को मिल रहा है. 40 किसानों के खेतों में ये पानी बह रहा है. इसी वजह से खेतों में काम करने वाले किसानों के पैरों में छाले पड़ जाते हैं और सांस लेने में दिक्कत होती है, जिसके चलते लोगों में काफी नाराजगी हैं. इधर, विधायक विवेक पटेल के समझाने-बुझाने के बाद प्लांट से निकलने वाले कैमिकल युक्त पानी को नहर में जाने से रोक दिया गया है.
ये गांव हुए प्रभावित
बांसी एथेनॉल प्लांट शुरू हुए करीब एक वर्ष बीत रहा है. ग्रामीणों ने आक्रोश जाहिर करते हुए स्थानीय विधायक को समस्या और अपनी शिकायत तक दी, जिसमें ग्राम बांसी, बकेरा, पवनेरा और बोदलकासा के किसान और स्थानीय लोग थे. उनका कहना है कि प्लांट का केमिकल युक्त पानी, दूषित हवा और पार्किंग व्यवस्था न होने से जान का खतरा बना रहता है. 40 से अधिक किसानों के खेत में केमिकल युक्त पानी बह रहा है और यही केमिकल युक्त पानी नदी की ओर पहुंच रहा है.
40 किसानों को खेतों में जा रहा पानी
किसान तरुण जैतवार ने कहा कि एथेनॉल प्लांट से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी से हमारी खेती हो रही है. करीब 40 किसानों के खेतों में बदबूदार पानी बह रहा है. खेते में काम करने जाते हैं तो पैरों में छाले निकल आते हैं, फसल खराब हो रही है. यही काला बदबुदार पानी नदी में जा रहा है. प्लांट खुलने के बाद से लग रहा है कि हमारी खेती और आसपास का वातावरण खराब हो गया है. सरकार इस ओर ध्यान देना चाहिए और केमिकल युक्त पानी की निकासी की प्लांट अधिकारी को व्यव्यस्था करनी चाहिए.
क्या बोले प्लांट के अधिकारी?
वहीं एथेनॉल प्लांट के अधिकारी दिनेश सिंह ने कहा कि प्लांट का पानी रिसने के कारण प्लांट से बाहर निकल रहा है, लेकीन प्लांट में पानी रिसाइकिल किया जाता है. काला पानी प्लांट से निकलकर खेती तक गया है और उसी वजह से हो सकता है कि लोगों को खुजली हो रही है. प्लांट से केमिकल युक्त पानी नहीं निकलता, बल्कि धान के भूसे का काला पानी है, फिलहाल व्यवस्था कर दी गई है. पार्किंग के लिए व्यवस्था बारिश रुकते ही हो जाएगी.

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