6 साल बाद बरी हुआ ब्रजेश ठाकुर, 11 महिलाएं और 4 बच्चों को गायब करने का…
बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर समेत तीन आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है. इन आरोपियों पर 11महिलाओं और चार बच्चों को गायब करने का आरोप था. तिहाड़ जेल से तीनों को विशेष एससी एसटी कोर्ट में पेश किया गया था. साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया है. ब्रजेश समेत तीनों आरोपी बालिका गृह कांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे.
मुजफ्फरपुर स्वाधार गृह कांड में विशेष एससी एसटी कोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण उर्फ मधु समेत तीनों को कोर्ट में पेशी के लिए तिहाड़ जेल से लाया गया था. तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण बरी कर दिया. पेशी के दौरान कोर्ट में पुलिस बल को तैनात किया गया था. वहीं पेशी के दौरान ब्रजेश ठाकुर के परिवार के लोग मौजूद थे.
मामले में अधिवक्ता प्रिय रंजन उर्फ अन्नू ने कहा कि स्वाधार गृह कांड पर कोर्ट में बहस हुई, आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं होने के कराण सभी को रिहा कर दिया गया. 2018 में स्वाधार गृह मामले में जांच हुई थी जिसमें 11 महिलाएं और चार बच्चे लापता पाए गए थीं. मामले में अपहरण, एससी, एसटी में केस दर्ज किया गया था.
सबूत नहीं मिलने पर हुए रिहा
आरोपी ब्रजेश ठाकुर के अधिवक्ता ने कहा कि स्वाधार गृह कांड मामले में मुकदमा चल रहा था. इसमें काफी दिनों तक मुकदमा चला था लेकिन गवाह पलट जाने से पुलिस जांच हुई थी. जांच के दौरान ऐसे कोई भी सबूत नहीं मिले हैं जिसके आधार पर आरोपियों को सजा दी जा सके. न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया है. इस केस में चार आरोपी थे जिसमें से एक रामानुज नाम के आरोपी की मृत्यु हो चुकी है.
जानकारी के मुताबिक, 2018 में मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद स्वाधार गृह कांड उजागर हुआ था. मामले में 11 महिलाओं और उनके चार बच्चों को गायब करने का आरोप में ब्रजेश ठाकुर ,शाहिस्ता प्रवीण उर्फ मधु, कृष्णा और रामानुज के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था.
पहले से ही काट रहे आजीवन कारावास
वहीं मुजफ्फरपुर के चर्चित बालिका गृह कांड में ब्रजेश ठाकुर समेत तीनों आरोपियों पहले से ही आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. मामले में तीनों तिहाड़ जेल में बंद थे. जिन्हें स्वाधार कांड में मामले में बरी कर दिया है. वहीं कोर्ट में सुनवाई के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच तीनों आरोपियों को तिहाड़ जेल भेज दिया गया. क्योंकि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले में तीनों आरोपी के खिलाफ पहले ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है.