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ब्रेकिंग न्यूज़……खबर का असर: कागजों में सिलाई मशीन बांटने की अब खुलेगी पोल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने दिए जांच के आदेश, तीन सदस्यीय जांच टीम का किया गठन
कोरबा। जनपद पंचायत कोरबा के ग्राम पंचायतों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीन का वितरण करना था। जनपद पंचायत के गांव में एक ग्राम पंचायतों में 69 लाख 57 हजार रूपये स्वीकृत किया गया था। कागजों में सिलाई मशीन बांट दी गई थी, जबकि पात्र महिलाओं को सिलाई मशीन मिला ही नहीं था। भ्रष्टाचार के इस मामले को हमने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था, जिस पर अब संज्ञान लेते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह सचिव प्रबंध कारिणी समिति जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। सात दिवस के भीतर जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराना होगा। जांच टीम का भी गठन किया गया, जिसमें तीन सदस्य शामिल किए गए हैं।
शासन ने परित्यगयता, दिव्यांग और विधवा महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की योजना बनाई है। जिसके तहत उन्हें सिलाई मशीन का वितरण किया जाना है। हर ग्राम पंचायत के 10-10 नग सिलाई मशीन पात्र महिलाओं को बांटा जाना था।जनपद पंचायत कोरबा में जरूरतमंद महिलाओं की इस योजना को भी अफसरों ने नहीं बख्शा । बिना सिलाई मशीन बांटे ही , या यूं कहें कि कागजों में मशीन बांटकर 69 लाख 57 हजार का भ्रष्टाचार कर दिया। एक मशीन की कीमत 7 हजार 900 रूपए बताई जा रही है। 880 से अधिक सिलाई मशीन की खरीदी करना बताया गया है।सूचना के अधिकार में इस गोल माल का खुलासा हुआ। भ्रष्टाचार में जनपद पंचायत कोरबा के पूर्व सीईओ की भूमिका संदेह के दायरे में है। जनपद पंचायत कोरबा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायतों में सिलाई मशीन वितरण में भारी भरकम भ्रष्टाचार हुआ है।हितग्राहियों को सिलाई मशीन मिला ही नहीं है और राशि को अफसर डकार गए है। बताया जाता है कि सभी ग्राम पंचायतों में 10-10 सिलाई मशीनों का वितरण विधवा, विकलांग, परित्यगता महिलाओं को बांटा जाना था। इसके लिए डीएमएफ सामग्री पूर्ति के अंतर्गत 69 लाख 57 हजार रूपए की भारी भरकम राशि जनपद पंचायत कोरबा को जारी की गई है। इसका क्रियान्वयन एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा को बनाया गया था। कोरबा जिला अंतर्गत ग्राम पंचायतों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने व कौशल विकास और रोजगार के शासन के मंसूबे पर अधिकारियों ने पानी फेर दिया है।इस खबर को हमने प्रमुखता से प्रकाशित किया जिस पर संज्ञान लेते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी कोरबा ने आदेश दिया है कि उक्त कार्य के संबंध में मीडिया द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच तथा भौतिक सत्यापन पश्चात अभिमत सहित प्रतिवेदन सात दिवस के भीतर उपलब्ध कराए जाएं। इसके लिए जांच समिति का गठन किया गया है। उक्त आदेश 11 जून को दिया गया है।
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जांच टीम में इन्हें किया गया है शामिल
जांच टीम में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र सहित जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को शामिल किया गया है। जांच टीम में शामिल तीनों अधिकारी मामले की जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। माना जा रहा है कि जांच में भ्रष्टाचार का खुलासा होगा।
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पांचों ब्लॉक में करोड़ों का भ्रष्टाचार
कोरबा ब्लॉक के जनपद पंचायत कोरबा में ही 69 लाख 57 हजार का खेला कर दिया गया है। जनपद पंचायत स्तर पर यह भ्रष्टाचार लाखों में है। सूत्र बताते हैं कि पंाचों ब्लॉक की बात की जाएं तो यह घोटाला करोड़ों में पहुंचेगा। बताया जाता है कि कोरबा जनपद पंचायत की तरह अन्य जनपद पंचायतों में भी सिलाई मशीन वितरण योजना में भ्रष्टाचार किया गया है। अब देखना होगा कि कोरबा जनपद के बाद अन्य जनपद पंचायतों में जांच के आदेश कब दिए जाते हैं।
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इन ग्राम पंचायतों में नहीं मिली है मशीन
जनपद पंचायत कोरबा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायतों में लगभग सभी ग्राम पंचायत में 10-10 नग सिलाई मशीन का वितरण में भारी भरकम भ्रष्टाचार हुआ है। जिसमें हितग्राहियों को सिलाई मशीन मिला ही नहीं है ऐसे ही ग्राम पंचायतों में कटकोना, कोलगा, फुलसरी, बरपाली, सिमकेंदा, सोलवा, जिलगा, श्यांग, अमलडीहा, गुरमा, चिर्रा, चचिया, मदनपुर, पसरखेत, बेला, धनगांव, जामबाहर, देववपहरी, गढ़ उपरोड़ा, सतरेंगा, अजगरबहार, चुईया, कछार, तिलाईडाड़, बड़गांव, कटबितला, कुकरीचोली, कोरकोमा, केरवा, पतरापाली, गेंराव, पताढ़ी, बड़गांव, कुदुरमाल, बुंदेली, करूमौहा, खोड्डल, बरीडीह, बगबुड़ा, मुढुनारा, भैसमा, ढोंगदरहा, रजगामार, नकटीखार, नकिया, केराकछार, गोडमा, उरगा सहित अन्य शामिल है। ऐसे ही अधिकांश ग्राम पंचायतों में विधवा व पात्र महिलाओं को सिलाई मशीन देने के नाम पर लाखों रुपए का पूर्व सीईओ व बाबू के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है।