ब्रेकिंग न्यूज़…..गजब है ! आचार संहिता में कर ली 22 करोड़…- भारत संपर्क

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ब्रेकिंग न्यूज़…..गजब है ! आचार संहिता में कर ली 22 करोड़ की सामग्री खरीदी, अधिकारियों ने पेश किया डीएमएफ में भ्रष्टाचार का एक और नमूना, सूचना के अधिकार में हुआ खुलासा, स्वामी आत्मानंद स्कूलों के लिए की गई खरीदी में गड़बड़झाला, संदेह के दायरे में पूर्व कलेक्टर और पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका

 

कोरबा। जिले में खनिज न्यास मद (डीएमएफ) से भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है। इस बार तो अधिकारियों ने हद ही कर दी, विधानसभा चुनाव आदर्श आचार संहिता के दौरान स्वामी आत्मानंद स्कूलों के लिए लगभग 22 करोड़ की सामग्री की खरीदी कर ली गई है। बिना टेंडर के ही भारी भरकम राशि को डकारने गड़बड़झाला किया गया है। इसमें पूर्व कलेक्टर और पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका संदेह के दायरे में है। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों में इस गोलमाल का खुलासा हो रहा है। मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए तो निश्चित ही आत्मानंद स्कूलों के नाम पर किए गए करोड़ों के वारे न्यारे का पर्दाफाश होगा।छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 के तहत दो चरण में 7 नवम्बर और 17 नवम्बर को मतदान हुए थे। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश में 9 अक्टूबर 2023 से आदर्श आचार संहिता लागू की गई थी। आचार संहिता से ठीक पहले जिले के विभिन्न आत्मानंद स्कूलों में गणवेश, ब्लैजर, टाई, मोजा, बेल्ट, कम्प्यूटर सेट, प्रिंटर, प्रयोगशाला सामाग्री, पुस्तकालय के लिए पुस्तक, एयर कूलर सहित स्मार्ट क्लास सामाग्री व अन्य आवश्यक सामाग्रियों की खरीदी के लिए छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015 के नियम 12 के तहत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए जिला खनिज न्यास संस्थान न्यास की शासी परिषद की बैठक के उल्लेखित अनुमोदित कार्यों के तहत प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। इसके लिए 5 अक्टूबर 2023 को प्रशासकीय स्वीकृति देने का उल्लेख किया गया है। विभिन्न आत्मानंद स्कूलों के लिए 8 अलग-अलग स्वीकृति प्रदान की गई है। जिसमें पहले 16 लाख 72 हजार 93 रूपये, दूसरा 5 करोड. 52 लाख 65 हजार 12 रूपये, तीसरा 32 लाख 88 हजार 633 रूपये, चौथा 1 करोड़ 93 लाख 29 हजार 319, पांचवा 10 करोड़ 82 लाख 87 हजार 949 रूपये, छठवां 86 लाख 47 हजार 878 रूपये, सातवां 1 करोड़ 82 लाख 50 हजार 680 व आठवां 46 लाख 95 हजार 674 रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इस तरह कुल 21 करोड़ 94 लाख 37 हजार 238 रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें प्रथम किस्त के रूप में कुल 6 करोड़ 78 लाख 84 हजार 833 रूपये प्रदत्त की गई है। आचार संहिता के ठीक पहले सामाग्री खरीदी के नाम पर प्रशासकीय स्वीकृति देने का खेल खेला गया। आचार संहिता के दौरान जब इस तरह के कार्यों में रोक होती है तो अधिकारियों ने करोड़ों की सामाग्री खरीदी कर ली। बताया जा रहा है कि आचार संहिता के दौरान किसी तरह के चेक नहीं कटते। दूसरी ओर अधिकारियों ने करोड़ों की खरीदी कर गोलमाल कर दिया है। खास बात यह है कि मुंगेली में 95 लाख की बिना टेंडर प्रक्रिया की खरीदी के मामले में सदन से शिक्षा मंत्री ने जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज को निलंबित कर दिया था। दूसरी ओर कोरबा में आचार संहिता के दौरान टेंंडर प्रक्रिया का पालन किए बगैर लगभग 22 करोड़ की खरीदी के मामले में पूर्व कलेक्टर व पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी पर किसी तरह की कार्यवाही तो दूर जांच तक नहीं हुई है। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों में आत्मानंद स्कूलों के नाम पर की गई सामाग्री खरीदी का कच्चा चिट्ठा खुल गया है। स्कूलों को करोड़ों से खरीदी का सामान मिला है या नहीं यह तो अलग विषय है, लेकिन अधिकारियों ने आचार संहिता के दौरान करोड़ों का गोलमाल जरूर कर लिया है।

100 करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला ठंडे बस्ते में

हमने इससे पूर्व स्वामी आत्मानंद स्कूलों में विभिन्न कार्यों के नाम पर लगभग 100 करोड़ के भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। डीएमएफ मद से किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर कर चुके हैं। खास बात यह है कि इस मामले से जुड़े फाईल डीएमसी कार्यालय से गायब हो चुके हैं। मामले का खुलासा करने के बाद भी न तो जांच कराई जा रही है और ना ही फाईल गायब होने एफआईआर पुलिस में दर्ज कराई जा रही है। डिप्टी सीएम अरूण साव के संज्ञान में मामला लाए जाने पर उन्होंने जांच की बात कही थी, लेकिन अब तक शुरू नहीं हुई।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की बनी गले की फांस

अधिकारी जहां भ्रष्टाचार कर लेते हैं वहीं यह सरकार के गले की फांस बन जाती है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अधिकारियों ने शासन की बिना जानकारी के स्वामी आत्मानंद स्कूलों में सामाग्री खरीदी के नाम पर लगभग 22 करोड़ का गोलमाल कर दिया है। भ्रष्टाचार का यह फांस एक बार फिर कांग्रेस के गले में फंसेगा।

डिप्टी सीएम ने कहा अनियमितता मिलेगी तो होगी कठोर कार्रवाई

शुक्रवार को डिप्टी सीएम व जिले प्रभारी मंत्री अरुण साव कोरबा प्रवास पर रहे। इस दौरान कलेक्ट्रेट समीक्षा बैठक उपरान्त मीडिया से चर्चा में आचार संहिता के दरम्यान आत्मानंद स्कूलों में 22 करोड़ की सामग्री खरीदी का सवाल पूछा गया। जिस पर उन्होंने कहा कि मैं इस मामले में अधिकारियों से जानकारी लेता हूं। जिले में डीएमएफ फंड में हो रहे भ्रष्टाचार और घोटालों से संबंधित मीडिया के सवाल पर डिप्टी सीएम में कहा कड़े लहजे में कहा की किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी जिम्मेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

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