ब्रिटेन की पहली अश्वेत महिला सांसद को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं! मचा घमासान | Diane… – भारत संपर्क

0
ब्रिटेन की पहली अश्वेत महिला सांसद को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं! मचा घमासान | Diane… – भारत संपर्क
ब्रिटेन की पहली अश्वेत महिला सांसद को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं! मचा घमासान

डायने एबॉट Image Credit source: twitter

ब्रिटेन की पहली अश्वेत महिला सांसद डायने एबॉट को लेबर पार्टी से चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिलने के दावे के बाद घमासान मच गया है. दावा किया गया है कि ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी ने आंतरिक अनुशासनात्मक प्रक्रिया के बाद देश की पहली अश्वेत महिला सांसद को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी है. इसे संबंध में परस्पर विरोधी बयान आए हैं.

पूर्वी लंदन में हैकनी नॉर्थ और स्टोक न्यूगिंटन से सांसद के रूप में 1987 में डायने एबॉट पहली बार संसद के लिए चुनी गईं थी. उन्होंने दावा किया कि उन्हें लेबर उम्मीदवार के रूप में सीट से फिर से चुनाव लड़ने से रोक दिया गया.

ये भी पढ़ें

विभिन्न समुदायों द्वारा सामना किए जाने वाले नस्लवाद के स्तरों के बारे में उनकी विवादास्पद टिप्पणियों पर जांच के बाद इस सप्ताह उनके निलंबन को हटा दिया गया.

ब्रिटिश सांसद ने लगाया आरोप

70 वर्षीय एबॉट ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि स्वाभाविक रूप से उन्हें लेबर व्हिप को बहाल करने और पीएलपी (संसदीय लेबर पार्टी) का सदस्य बनने की खुशी है. उनका साथ देने वाले सभी लोगों का धन्यवाद. वह लेबर की जीत के लिए प्रचार करेंगी. लेकिन मैं बहुत निराश हूं कि कई रिपोर्टों से पता चलता है कि उन्हें उम्मीदवार के रूप में प्रतिबंधित कर दिया गया है.

लेबर नेता कीर स्टारमर से जब पूछा कि क्या 70 वर्षीय अनुभवी सांसद को 4 जुलाई के आम चुनाव में पार्टी उम्मीदवार के रूप में प्रतिबंधित किया गया है, उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है. डायने एबॉट को प्रतिबंधित करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. जिस प्रक्रिया से हम गुजर रहे थे, वह दूसरे दिन व्हिप की बहाली के साथ समाप्त हो गई.

पीएम ऋषि सुनक ने मांगी सफाई

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी विवाद में कूदते हुए कहा कि विपक्ष को एबॉट से संबंधित मुद्दों को “साफ” करना चाहिए. उन्होंने कहा कि लेबर पार्टी सभी को बता रही है कि डायने एबॉट की यह जांच जारी है, अब ऐसा लगता है कि यह महीनों पहले समाप्त हो गई थी.

एबॉट द्वारा ‘ऑब्जर्वर’ अखबार में लिखे जाने के बाद लेबर ने पिछले साल अप्रैल में एक जांच शुरू की थी कि आयरिश, यहूदी और ट्रैवलर लोग निस्संदेह पूर्वाग्रह का अनुभव करते है. जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह “नस्लवाद के समान” है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ChatGPT से ये सभी काम करवाना है आसान, टाइम की होगी बचत – भारत संपर्क| *मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह निवास बगिया में चार दिवसीय रामनवमी…- भारत संपर्क| पारदर्शिता, तत्परता और संवाद ही सुशासन का आधार,…- भारत संपर्क| आम से बनने वाली ये 4 ड्रिंक गर्मियों का मजा कर देंगी दोगुना| यूरोप में दम दिखाने के बाद लौटे भारत के युवा फुटबॉलर्स, ऑस्ट्रियाई राजदूत न… – भारत संपर्क