Budget 2024: खेती होगी कम खर्चीली, निर्मला ने किया Nano DAP…- भारत संपर्क
नैनो डीएपी से स्मार्ट खेती को बढ़ावा मिलेगा.
भारत में किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को आसान बनाने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है. अंतरिम बजट में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने एक महत्वपूर्ण ऐलान किया है. उन्होंने पूरे देश में नैनो डीएपी का इस्तेमाल करने की बात कही है. बजट स्पीच के दौरान वित्त मंत्री ने कृषि व्यवस्था में सुधार लाने पर जोर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नैनो डीएपी को बढ़ावा देने के लिए कहा है. अभी तक केवल डीएपी का इस्तेमाल होता रहा है, तो फिर नैनो डीएपी की जरूरत क्यों पड़ गई है, आइए समझते हैं.
खेती में मिट्टी की अहम भूमिका होती है. अगर मिट्टी की फर्टिलिटी अच्छी रहेगी तो पैदावार भी बढ़िया होगी. भारत में किसान मिट्टी की फर्टिलिटी बेहतर करने के लिए यूरिया और डीएपी जैसी चीजों का इस्तेमाल करते हैं. मौजूदा समय में नैनो यूरिया का भी इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन नैनो डीएपी किसानों के लिए एक नई चीज है.
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Nano-DAP: क्या है नैनो डीएपी?
नैनो डीएपी एक नैनो टेक्नोलॉजी पर बेस्ड क्रांतिकारी फर्टिलाइजर है जो पौधों को नाइट्रोजन और फास्फोरस प्रदान करता है. इसे भारतीय किसान उर्वरक सहकारी समिति लिमिटेड (IFFCO) ने डेवलप किया है. नैनो डीएपी लिक्विड रूप में आता है, और पारंपरिक दानेदार डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) से कई मायनों में अलग होता है.
Thanking FM @NSitharaman Ji for announcing the expansion of the application of Nano DAP on various crops in all agro climatic zones.
This will help in achieving self-sufficiency in fertilizers and greatly benefit our farmers.#ViksitBharatBudget pic.twitter.com/etXKRFSPLF
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) February 1, 2024
ये 8% नाइट्रोजन और 16% फास्फोरस मिलाकर तैयार किया जाता है. नैनो टेक्नोलॉजी की वजह से इसके पार्टिकल्स बहुत महीन होते हैं, जो आसानी से बीज में मिल जाते हैं.
Nano-DAP: इस्तेमाल करने का तरीका
Nano-DAP vs DAP: दोनों के बीच क्या अंतर?
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने बजट स्पीच में कहा, ‘नैनो यूरिया को सफलतापूर्वक अपनाने के बाद सभी कृषि जलवायु क्षेत्रों में अलग-अलग फसलों पर नैनो डीएपी के इस्तेमाल को बढ़ाया जाएगा.’ इससे फसल की लागत कम होगी, और किसानों का फायदा मिलेगा.
नैनो डीएपी और आम डीएपी के बीच कई अंतर मौजूद हैं-
- नैनो डीएपी नैनो टेक्नोलॉजी पर आधारित है, इसलिए इसके पार्टकिल्स बेहद महीन होते हैं. ये लिक्विड फॉर्म में आता है. दूसरी तरफ, डीएपी दानेदार होता है.
- नैनो डीएपी में 8 फीसदी नाइट्रोजन और 16 फीसदी फास्फोरस होता है. वहीं, फर्टिलाइजर ग्रेड डीएपी में 18 फीसदी नाइट्रोजन और 46 फीसदी फास्फोरस होता है.
- नैनो डीएपी का खेत में छिड़काव यानी स्प्रे किया जाता है. जबकि डीएपी को मिट्टी में मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है.
- लागत की बात करें तो नैनो डीएपी एक सस्ता फर्टिलाइजर है, जबकि डीएपी महंगा पड़ेगा.
Nano-DAP की कीमत
आम DAP का 50 किलोग्राम का कट्टा 1,350 रुपये में आता है. दूसरी तरफ, Nano DAP की 500 ml की बॉटल 600 रुपये में आती है. इफको के मुताबिक, एक एकड़ की फसल में 250 ml-500 ml नैनो डीएपी का स्प्रे किया जाता है. स्प्रे के प्रकार के हिसाब से पानी का इस्तेमाल किया जाता है.