वयोवृद्ध देखभाल कार्यक्रम के तहत लगाए जा रहे शिविर, 26 हजार…- भारत संपर्क
वयोवृद्ध देखभाल कार्यक्रम के तहत लगाए जा रहे शिविर, 26 हजार 254 ग्रामीणों की जांच, 844 मोतियाबिंद के शिकार
कोरबा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अलग-अलग विकासखंडों में आयोजित वयोवृद्ध देखभाल कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों की जांच की गई है। यह जांच अलग-अलग तिथि पर अलग-अलग स्थानों पर हुई है। विभाग की ओर से बताया गया है कि अभी तक कोरबा, कटघोरा, करतला, पाली और पोड़ी उपरोड़ा में 26 हजार 254 ग्रामीणों की जांच की गई है। इनमें 844 ग्रामीणों में मोतियाबिंद मिले हैं। हालांकि यह जांच रूलर हेल्थ ऑफिसर और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की ओर से की गई है। विभिन्न गांवों में मोतियाबिंद से पाए गए मरीजों के नाम, पता और संपर्क नंबर को विभाग की ओर से एकत्र किया गया है। आने वाले दिनों में इन मरीजों को संबंधित गांवों से निकालकर मेडिकल कॉलेज सह जिला अस्पताल में मोतियाबिंद की जांच विशेषज्ञ डॉक्टरों से कराई जाएगी। इनका ऑपरेशन भी विभाग की ओर से कराया जाएगा और मरीजों को नि:शुल्क दवाईयां उपलब्ध कराई जाएगी। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई है। जिले के अलग-अलग विकासखंडों में रहने वाले 60 साल से अधिक आयु के लोगों के स्वास्थ्य की जांच जारी है। यह जांच पूर्व निर्धारित समय पर अलग-अलग क्षेत्रों में की जा रही है। जांच के दौरान जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वह चौकाने वाले हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अलग-अलग विकासखंडों में बुजुर्गों की कुल आबादी का लगभग 25 फीसदी जांच पूरा हो पाया है। इस जांच में विभिन्न बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या निकलकर सामने आ रही है। इसे देखकर स्वास्थ्य विभाग भी हैरान है। यह जांच प्रारंभिक तौर पर की गई है और अभी विशेषज्ञ डॉक्टरों की ओर से मरीजों की जांच की जानी है। शिविर में सामान्य तौर पर उन सभी बीमारियों की जांच की जा रही है जो प्राय: 60 साल से अधिक आयु के लोगों में पाया जाता है। इन्हीं में से एक है आंखों की जांच। वयोवृद्ध स्वास्थ्य शिविर में मोतियाबिंद से प्रभावित मरीजों को जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाकर उनका ऑपरेशन करना स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती है। इसका बड़ा कारण आने वाले दिनों में मानसून का आगमन है। हवा में नमी के कारण आंखों के ऑपरेशन पर संक्रमण की आशंका रहती है। इस पर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि ग्रामीणों के ऑपरेशन तय समय पर किए जाएंगे। नेत्र सहायकों की सेवाएं ली जाएंगी। इसके लिए किस ब्लॉक के मरीज का ऑपरेशन हफ्ते में किस दिन होगा यह पहले से ही तय किया गया है।